एक शोध ने साबित किया है कि यदि आप अपने शरीर के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं तो आपका सेक्स जीवन अपेक्षाकृत अधिक आनंददायक होगा, आपको यौन बिमारियाँ लगने की कम सम्भावना होगी और आप चरम-आनंद को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे.
यह बात महिलाओं पर विशेष रूप से लागू होती है. सेंटर फोर सैक्सुअल हैल्थ प्रोमोशन की शोध ने सिद्ध किया कि जो महिलाएँ अपने शरीर के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखती हैं वे नियमित रूप से अपने शरीर का चैक-अप करवाती हैं, उसे स्वच्छ रखती हैं तथा उनका सेक्स जीवन भी खुशहाल होता है.
इस शोध से जुड़ी डेबी हर्बनिक के अनुसार – आम तौर पर देखा गया है कि महिलाएँ अपने शरीर से संतुष्ट नहीं होती जबकि उनसे संबंधित पुरूष इससे उलट सोच रखते हैं.
इस संस्थान ने 18 से 23 साल की उम्र की 362 महिलाओं और 241 पुरूषों से विभिन्न प्रकार के सवाल पूछ कर यह पता लगाया कि दोनों लिंग के लोग महिलाओं के शरीर के प्रति किस प्रकार का दृष्टिकोण रखते हैं. शोध के नतीजे बताते हैं कि महिलाओं के शरीर के प्रति पुरूष महिलाओं की अपेक्षा अधिक सकारात्मक सोच रखते हैं.
एक ब्रिटिश दैनिक को दिए साक्षात्कार में डेबी हर्बनिक ने बताया कि, महिलाओं का अपने शरीर के प्रति सही दृष्टिकोण होना काफी जरूरी है. और इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे बचपन से ही जननांगो के प्रति अपने बच्चों को जागरूक करें.
इस शोध से जुड़ी डेबी हर्बनिक के अनुसार – आम तौर पर देखा गया है कि महिलाएँ अपने शरीर से संतुष्ट नहीं होती जबकि उनसे संबंधित पुरूष इससे उलट सोच रखते हैं.
इस संस्थान ने 18 से 23 साल की उम्र की 362 महिलाओं और 241 पुरूषों से विभिन्न प्रकार के सवाल पूछ कर यह पता लगाया कि दोनों लिंग के लोग महिलाओं के शरीर के प्रति किस प्रकार का दृष्टिकोण रखते हैं. शोध के नतीजे बताते हैं कि महिलाओं के शरीर के प्रति पुरूष महिलाओं की अपेक्षा अधिक सकारात्मक सोच रखते हैं.
एक ब्रिटिश दैनिक को दिए साक्षात्कार में डेबी हर्बनिक ने बताया कि, महिलाओं का अपने शरीर के प्रति सही दृष्टिकोण होना काफी जरूरी है. और इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे बचपन से ही जननांगो के प्रति अपने बच्चों को जागरूक करें.
उदाहरण के तौर पर यदि छोटे बच्चे अपने जननांगो को छूते हैं तो उन्हें यह कहकर ना टोकें कि – यह गंदा है, छोड़ दो. बल्कि उन्हें समझाएँ कि जननांगो को ढक कर क्यों रखना चाहिए.
उन्हें यह समझाएँ कि बाकी शरीर की तरह उन्हें भी स्वच्छ रखना चाहिए. इसके अलावा जननांगो के भी सही नाम बच्चों को बताने चाहिए. जिस तरह से हम आँख, नाक, कान आदि अंगों के बारे में जानकारी देते हैं उसी तरह से जननांगो के बारे में भी सही समय पर उचित जानकारी दी जानी चाहिए.
इसके अलावा माताओं को चाहिए वे अपनी बेटी को यौन तथा जननांगो सबंधी सम्पूर्ण जानकारी दे.
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