Wednesday, April 22, 2009

आज भी टैबू है 'सेक्स'!

हाल ही में किए गए सर्वे के अनुसार भले ही ई-मेल और मोबाइल पर टेक्सट मेसिज भेजने की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही हो, लेकिन अब भी

पेरंट्स को अपनी टीनएजर बेटियों के साथ सेक्स संबंधी मुद्दों पर बातचीत करने में झिझक महसूस होती है।


गर्ल्स स्कूल असोसिएशन(जीएसए)के इस सर्वे में 1000 से ज्यादा पेरंट्स को शामिल किया गया। इसमें करीब एक तिहाई पेरंट्स ने माना कि उन्हें अपने बच्चों के साथ इस तरह की बातचीत काफी मुश्किल लगती है। सर्वे से यह भी सामने आया है कि तकरीबन सात में एक माता-पिता टीनएज में बॉडी में आने वाले चेंज के बारे में भी अपनी बेटियों से बात नहीं कर पाते। कई लोगों का कहना था कि बच्चों से सेक्स जैसे सब्जेक्ट पर बातचीत करना वाकई बहुत मुश्किल है। लेकिन मां अपने बच्चों के ज्यादा नजदीक होती है। इस बात को शोध के नतीजों ने भी साबित कर दिया है। सर्वे के अनुसार अपनी बेटियों से मॉम्स किसी भी मुद्दे पर खुलकर बात कर सकती हैं। हालांकि अब ममी बन चुकी महिलाएं जब खुद बेटियां थीं तो उन्हें अपने माता-पिता से इस बारे में बात करने में हिचक और घबराहट होती थी। यह सर्वे गर्ल्स र्स्कूल असोसिएशन की नई वेबसाइट लॉन्च करने के मकसद से किया गया था।

बेडफोर्ड में डेम एलाइस हरपुर स्कूल के हेड और जीएसए के नए अध्यक्ष जिल बेरी ने कहा, 'मोबाइल पर टेक्सट मेसिज भेजने की सहूलियत और ई-मेल से अब मां-बेटी का रिश्ता कहीं ज्यादा मजबूत हो चुका है। इससे उनके बीच होने वाली बातचीत से औपचारिकता खत्म हो गई है।' एक अखबार ने जिल बेरी के हवाले से लिखा, 'नई पीढ़ी के पेरंट्स और किड्स दोनों के खयालात में अहम बदलाव आया है। अब दोनों एक दूसरे के ज्यादा करीब आए हैं और उनमें खुलकर बातचीत होती है।'

जीएसए के सर्वे के अनुसार कुछ पेरंट्स तो अपनी बेटियों से सिगरेट पीने के बारे में भी कोई बात नहीं करना चाहते। जबकि 39 फीसदी माता-पिता को लड़कियों से सेक्स और रिलेशनशिप के बारे में बातचीत करना अजीब सा लगता है। 15 फीसदी पेरंट्स यंग एज में शरीर में आने वाले बदलाव पर अपने बच्चों से कोई बात ही नहीं करना चाहते। इससे यह नहीं समझना चाहिए कि माता-पिता अपने बच्चों को प्यार ही नहीं करते और उनके साथ समय नहीं बिताते। एक तिहाई पेरंट्स एक दिन में अपने बच्चों के साथ साढ़े ग्यारह घंटे का वक्त बिताते हैं। जबकि तीन फीसदी पेरंट्स के पास अपनी बेटियों के लिए टाइम ही नहीं होता।

25 फीसदी से ज्यादा लोग अपनी बेटियों के साथ वीकएंड पर करीब दो घंटे का समय बिताते हैं। जीएसए की नई वेबसाइट पर फ्रेंडशिप, स्कूल वर्क और कम्यूनिकेशन पर ब्रिटेन के स्कूलों की टॉपर लड़कियों और हेड मिस्ट्रेस ने भी जरूरी टिप्स और सलाह दी है। इसमें शराब पीने से लड़कियों को रोकने के लिए पेरंट्स को कुछ जरूरी सुझाव दिए गए हैं। कैसे बच्चों में आत्मविश्वास लाएं और किस तरह उनसे सेक्स जैसे सब्जेक्ट पर बातचीत की शुरुआत करें। सर्वे से यह सामने आया कि ज्यादातर पेरंट्स को अपनी बेटियों के लिए क्वॉलिटी एजुकेशन की फिक्र है। इसके बाद वह अपनी बेटियों में बुरी आदतों, जैसे शराब और ड्रग्स को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित दिखे।

'11वीं से पहले सेक्स एजुकेशन! तौबा तौबा'

नई दिल्ली ।। स्कूलों में सेक्स शिक्षा की शुरुआत का एक संसदीय समिति ने विरोध किया है। इस समिति ने सलाह दी है कि बायॉलजी के सिलेबस में

उचित चैप्टर जोड़ दिए जाएं। यह काम भी प्लस टू से पहले नहीं होना चाहिए।

पिटिशंस पर बनी राज्यसभा की समिति ने कहा है कि स्कूलों में सेक्स शिक्षा नहीं होनी चाहिए। बीजेपी नेता वेंकैया नायडू की अध्यक्षता वाली समिति के मुताबिक, स्कूली बच्चों को यह बात उचित ढंग से बताई जानी चाहिए कि शादी से पहले सेक्स संबंध नहीं होने चाहिए, क्योंकि यह अनैतिक और अस्वस्थ है। छात्रों को इस बात के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए कि वैवाहिक संबंधों से अलग हटकर सेक्स सामाजिक मर्यादाओं के खिलाफ है।

समिति ने सुझाव दिया है कि उम्र के मुताबिक वैज्ञानिक ढंग से स्वास्थ्य शिक्षा, नैतिक शिक्षा, व्यक्तित्व विकास और चरित्र निर्माण के लिए उचित पाठ्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए। हायर क्लास में एचआईवी/एड्ज के बारे में उचित चैप्टर बायॉलजी के सिलेबस में जोड़ा जाना चाहिए।

कमिटी ने कहा है कि 'किशोरावस्था में शारीरिक और मानसिक विकास' और 'एचआईवी/एड्ज और सेक्स संचारित अन्य रोग' जैसे चैप्टर हटाकर इन्हें टेन प्लस टू स्टेज में जोड़ा जाना चाहिए। नया सिलेबस सभी स्कूलों में लागू करने से पहले मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में सहमति के लिए पेश किया जाना चाहिए।

ब्रिटेन में 'कॉन्डम कॉन्फिडंस' की आंधी

कॉन्डम के प्रति लड़कियों को प्रेरित करने के लिए ब्रिटिश सरकार एक कैंपेन चला रही है। इस अभियान में लड़कियों को बताया जा रहा है कि पुरु
Getty Images
ष ज्यादातर उन्हीं लड़कियों की ओर खिंचते हैं, जो कॉन्डम कैरी करती हैं। अब इस अभियान की दुनिया भर में जबर्दस्त आलोचना हो रही है:

ब्रिटेन के हेल्थ डिपार्टमंट ने 5।2 मिलियन पाउंड की लागत से एक पब्लिसिटी ड्राइव चलाई है, जो यह संदेश देता है कि कॉन्डम कॉन्फिडेंस से सेक्स अपील में बढ़ोतरी होती है। टेलिग्राफ के अनुसार, इस अभियान में युवतियों को बताया जा रहा है कि पुरुषों को वही महिलाएं सबसे ज्यादा पसंद आती हैं, जिनकी सोच अपनी ख्वाहिशों को लेकर एकदम स्पष्ट होती है।

ब्रिटेन के हेल्थ मिनिस्टर ने इस कैंपेन को लॉन्च किया है। वैसे, इस पब्लिसिटी कैंपेन में महिलाओं को यह सलाह भी दी गई है कि अपने पुरुष पार्टनर को कॉन्डम का इस्तेमाल करने के लिए वह किस तरह मना सकती हैं। कॉस्मोपोलिटन मैगजीन की राइटर सारा हेडले कहती हैं, 'रात में बाहर जाते समय कॉन्डम अपने साथ ले जाना उतना ही नॉर्मल है, जितना अपने साथ मोबाइल, चाबियां और पर्स रखना।'

हालांकि इस कैंपेन के लिए सरकार की काफी आलोचना भी की जा रही है। कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह सरकार एक से ज्यादा पार्टनर्स के साथ सेक्स को बढ़ावा दे रही है। ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी के सांसद जूलियन ब्रेजियर कहती हैं, 'सभी जानते हैं कि कंडोम का इस्तेमाल इन्फेक्शन और बीमारियों को फैलने से रोकता है। लेकिन लगता है कि यह अभियान चलाने वाली सरकार को इस बीमारी की जड़ अब तक समझ में नहीं आई है। यह प्रॉब्लम तभी शुरू होती है, जब लोग बिना सुरक्षा का खयाल किए कई लोगों से फिजिकल रिलेशनशिप बनाना शुरू कर देते हैं। इस अभियान से पब्लिक हेल्थ में सुधार आए या न आए, लेकिन अवैध संबंधों की परेशानी जरूर बढ़ेगी।'

स्टडीज ऑफ टीनएज प्रेग्नेंसी के लेखक पैट्रिसिया मॉर्गन का कहना है, 'गवर्नमंट के इस कैंपेन से लोग कई पार्टनर्स से फिजिकल रिलेशनशिप बनाने के लिए प्रेरित होंगे। सरकार ससायटी को बिगाड़ने के लिए इससे ज्यादा कुछ भी नहीं कर सकती। लड़कियों को कॉन्डम लेकर घूमने के लिए कहना ठीक वैसा ही है, जैसे किसी लड़की का अपने माथे पर नोटिस चिपकाकर घूमने के लिए कहना कि दूसरे लोगों को वह आसानी से उपलब्ध है।'

कुछ भारतीय विद्वानों ने भी इस अभियान की आलोचना की है। उनका मानना है कि यह एक तरह से युवाओं को अवैध और असुरक्षित सेक्स के लिए उकसाना है। वे तो यहां तक मानते हैं कि भारत में इस तरह के अभियान का कोई स्कोप ही नहीं है।

मैरिड हो तो पब्लिक में बेधड़क करो किस

नई दिल्ली ।। हज़्बंड-वाइफ पब्लिक प्लेस में किस कर सकते हैं। उन्हें पुलिस परेशन नहीं करेगी। उन पर अश्लीलता फैलाने के आरोप में मुकद

मा तो बिल्कुल नहीं होगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने कह दिया है कि पति-पत्नी अगर पब्लिक प्लेस पर किस करते हैं
, तो इसे अश्लीलता नहीं माना जाएगा।

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को एक पुलिस अफसर के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए हैं , जिसने ए मैरिड कपल पर किस करने के लिए अश्लीलता के आरोप लगा दिए थे।

पिछले साल 4 सितंबर को द्वारिका पुलिस स्टेशन के एएसआई विद्याधर सिंह ने एक मेट्रो पिलर के पास एक कपल को किस करते हुए पकड़ा था। इस कपल ने उन्हें बताया था कि वे मैरिड हैं , इसके बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया और जमानत पर रिहा किया गया।

जस्टिस एस. मुरलीधर ने पुलिस कमिश्नर से इस बात की जांच करने को कहा है कि एएसआई ने कपल के साथ दुर्व्यवहार क्यों किया।

इससे पहले अपने आदेश में कोर्ट ने साफ कर दिया था कि इस कपल के खिलाफ धारा 294 के तहत दायर अश्लीलता का मामला सही नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यह समझे के परे है कि एक यंग मैरिड कपल द्वारा अपने प्यार का इजहार करना , कैसे कानून का उल्लंघन हो सकता है। हालांकि इस कपल का कहना है कि वे किस नहीं कर रहे थे , बल्कि मोबाइल से फोटो खींच रहे थे।

कैसे पड़ा ‘खजुराहो’ का नाम?

खजुराहो। विश्व धरोहर कलातीर्थ खजुराहो का नामकरण सदियों पूर्व खजुराहो में लगे दो स्वर्ण-वर्ण के खजूर के पेड़ों के कारण पहले खर्जूरवाहक फिर खजुराहा, खजूरवाटिका, खजूरपुरा और अंत में खजुराहो पड़ा।

वरिष्ठ गाइड बृजेंद्र सिंह ने बताया कि खजुराहो के इतिहास में ऐसा वर्णन मिलता है कि खजुराहो नाम, ‘खर्जूरवाहक’ तथा ‘खजुराहा’ का परिवर्तित रूप है। इतिहासकार कनिन्घम ने एक शिलालेख का उल्लेख करते हुए इसका मूल नाम खजूरवाटिका बताया जो खजूवाटिका, खजुराहा, खजूरपुरा होते-होते खजुराहो हुआ। चीनी यात्री ह्यूनसांग ने भी खजुराहो नाम का उल्लेख किया और जाहुति राज्य की राजधानी बताया।

सन 1031 में अलबरनी ने इसका उल्लेख किया और सन 1335 में इब्नबतूता ने लिखा कि खजूरा में तालाब के किनारे मंदिर बने थे। अन्य इतिहासकार खजुराहो के नाम की उत्पत्ति के संबंध में बताते हैं कि पहले नगर के द्वार पर प्रवेशद्वार को अलंकृत करते हुए दो स्वर्ण-वर्ण के खजूर के वृक्ष थे इसी से यहां का नाम खजुराहो पड़ा।

कुछ लोग इस नगर को खजूर के पेड़ों के मध्य स्थित होने के कारण इसे खजूर से जुडे हुए नामों के परिवर्तित नाम के रूप में देखते हैं।

यद्यपि आज खजुराहो में खजूर के पेड़ बहुत कम हैं और इतिहास जानने वाले प्राचीन नाम की सार्थकता सिद्व करने के लिए लोगों को खजूर के पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और एक बडे़ होटल समूह ने प्रयास करके खजूर के पेड़ लगाए हैं जिसके नीचे रोज पूजा-आरती होती है।

हाथ जोडे खड़े बदमाश का कर दिया एन्काउंटर !

आगरा ।। पुलिस किस तरह एन्काउंटर करती है, इसका चेहरा मंगलवार को आगरा में देखने को मिला। आगरा की पश्चिमपुरी कॉलोनी में एक घर में डाका डालकर भाग रहे दो बदमाशों को पुलिस ने एन्काउंटर में ढेर कर दिया। लेकिन आगरा के लोकल अखबार 'अकिंचन भारत' में छपी एक फोटो में साफ नजर आ रहा है कि एक बदमाश पुलिस के हाथ आ गया था। वह अफसर के सामने हाथ जोड़ रहा था कि उसे मारा न जाए। इसके बावजूद पुलिस ने उसे गोली मार दी।

बुधवार को आगरा की पश्चिमपुरी कॉलोनी में लुटेरे एक घर में घुस गए और परिवार को बंधक बनाकर लूटपाट की। उसके बाद ये लोग आसपास के घरों की छतों से होते हुए भाग निकले। लेकिन पुलिस इनके पीछे लग गई। एक डकैत ने बचने के लिए बाल्मीकि बस्ती में एक घर में छिपने की कोशिश की। पुलिस इस घर में पहुंची। फोटो में साफ दिख रहा है कि यह बदमाश पुलिस के कब्जे में था। इस बदमाश ने हाथ जोड़कर पुलिस अफसर से कहा कि भले ही जेल भेज दो, लेकिन मुझे गोली मत मारना। इतना कहते-कहते वह सीओ की गोली का शिकार हो गया।

वरूण के पास ५ करोड़ की संपत्ति

भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत के प्रत्याशी वरूण गांधी के पास चार करोड़ ८२ लाख की संपत्ति है लेकिन उनके पास कोई वाहन नहीं है ।
पीलीभीत सीट से नामांकन दाखिल करने के साथ दिये हलफनामे के अनुसार वरूण के पास तीन श हैं जिनकी कीमत ८५ हजार रूपये है। उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून समेत पांच आपराधिक मामले हैं जो पिछले माह ही दर्ज किये गये हैं ।
दिल्ली के वसंत विहार में उनकी दो करोड़ ३३ लाख की दुकान है ।
इसके अलावा खान मार्केट में एक दुकान में उनकी पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी है जिसकी कीमत २५ लाख रूपये है । नई दिल्ली में ही उनके पास ६३ लाख २५ हजार रूपये का एक फ्लैट है ।
वरूण के पास २० हजार रूपये नगद हैं तथा १६ लाख ४१ हजार रूपये बैंक में जमा हैं । एक लाख ९५ हजार रूपये उन्होंने शेयर में लगाये हैं । इसके अलावा राष्ट्रीय बचत योजना में उनके नाम से ९९ लाख ८४ हजार रूपये हैं । वरूण आभूषणों का भी शौक रखते हैं । सोने, चांदी और पत्थरों में उन्होंने ४३ लाख छह हजार रूपये लगाये हैं । उनके पास एक पेंङ्क्षटग भी है जिसकी कीमत दस लाख दस हजार रूपये है ।
उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में ४१ लाख ८९ हजार ६८० रूपये आयकर के रूप में तथा २७ हजार १८४ रूपये संपत्ति कर के रूप में जमा किये हैं ।

Thursday, April 2, 2009

सेक्स “सर्वश्रेष्ठ कसरत” होती है

सेक्स हमारे न्यूरल सिस्टम और रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुचारू बनाता है, और इससे तनाव से मुक्ति मिलती है. सेक्स जिंदगी यदि बेहतर होती है तो स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. सेक्स वास्तव में सबसे अच्छी कसरत भी है. जब युगल सेक्स में लिप्त होते हैं तो उनके शरीर को अच्छी कसरत मिलती है. सेक्स के कई ऐसे तरीके हैं जो कसरत के लिहाज से भी अच्छे हैं:
मिशनरी

मिशनरी, दुनिया का सबसे अधिक लोकप्रिय सेक्स पोज़िशन है। भारत में करीब 90% युगल इस पोजिशन को पसंद करते हैं. कसरत के लिहाज से देखा जाए तो भी यह काफी उपयोगी पोजिशन है.
यह पोजिशन वजन के संतुलन पर आधार रखती है। इस पोजिशन में पुरूष उपर होता है और उसके हाथ तथा पाँव के स्नायूओं को अच्छा खिंचाव प्राप्त होता है, इससे वे मजबूत बनते हैं। इस पोजिशन में महिला नीचे होती और पीठ के बल लेटी होती है लेकिन फिर भी उसे अपनी पीठ और कमर के भाग को फैलाने और सिकोडने का मौका मिलता है. इससे कमर के स्नायूओं को उपयोगी कसरत मिलती है. उन महिलाओं के लिए, जिनको कमर दर्द की शिकायत रहती है, यह पोजिशन काफी उपयोगी है.
इसके अलावा इस पोजिशन से कुल्हे, घुटने और एडी को भी अच्छी कसरत मिलती है।

बैठक पोजिशन

यह पोजिशन भारत में उतनी लोकप्रिय नहीं परंतु पश्चिमी जगत में एक आम पोजिशन है। इस पोजिशन में युगल बैठकर सेक्स करते हैं. इस पोजिशन से तलुवों को बेहतरीन कसरत मिलती है. इस पोजिशन से जाँघ के स्नायू खिंचाव प्राप्त करते हैं और कमर को भी कसरत मिलती है.

इस पोजिशन मे शरीर को जितनी कसरत मिलती है उतनी अन्य किसी सेक्स पोजिशन में नही मिलती. यह काफी थकाऊ पोजिशन भी है.
कँधे पर पाँव
कुछ सेक्स पोजिशन ऐसी होती है जिसमें महिला अपने पाँव को पुरूष के कँधे तक फैलाती है. यह पोजिशन सेक्स की दृष्टि से तो काफी अच्छी है ही परंतु कसरत के लिहाज से भी अति उत्तम है. इससे महिला के पाँवों के स्नायूओं को अच्छा खिंचाव मिलता है. और उसके घुटने मजबूत बनते हैं और कुल्हे के स्नायूओं को भी आराम मिलता है.
महिला ऊपर
महिला का ऊपर होना भी एक अच्छी सेक्स पोजिशन है. यह पोजिशन महिलाओं के लिए आदर्श है क्योंकि इस पोजिशन से उन्हें संतुष्टि का अहसास मिलता है. यह पोजिशन उन्हें अच्छी कसरत भी देती है. इस पोजिशन से महिला के हाथों और बाहों को कसरत मिलती है. पुरूष के लिए भी यह अच्छी कसरत होती है क्योंकि उसे महिला के वजन को सम्भालना होता है.

अक्षय कुमार की अश्लील हरकत


लेक्मे फैशन वीक के दौरान रैंप पर चलते हुए अक्षय कुमार को ना जाने क्या सुझी के वे अचानक दर्शक दीर्घा में जाकर अपनी पत्नीअ ट्विंकल खन्ना से अपनी जींस के बटन खुलवाने लगे.
बहरहाल उनकी इस हरकत से आसपास बैठे लोगों को जरूर आनंद आया होगा पर अब अक्की खुद मुश्किल में फँस गए हैं.
एक व्यक्ति ने अब उनके खिलाफ मुंबई के वकोला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायतकर्ता ने ट्विंकल खन्ना, अक्षय खन्ना और ग्रांड हयात होटल को आरोपी बनाया है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वह हथोचित कार्रवाही करेगी.

रंग बदलता टी-पॉट, कमाल का उत्पाद

डिजाइन विभाग में हमारा आज का उत्पाद एक टी-पॉट है. इस पॉट की डिजाइन तो सुंदर है ही लेकिन इसमें एक और विशेषता है. यह पॉट थर्मोक्रोमिक तकनीक से बना है. इससे गर्म या ठंडा होने पर यह अपना रंग बदल लेता है.
सेरेना फियारो द्वारा डिजाइन इस पॉट में चाय बनाने रखिए और जैसे ही चाय गर्म हो जाएगी इस पॉट का रंग भी गहरे लाल रंग से चमकीले लाल रंग में बदल जाएगा. और जैसे ही चाय ठंडी होने लगेगी इसका रंग फिर से गहरा लाल होता जाएगा.
गर्मी की वजह से थर्मोक्रोमिक बॉडी अपना रंग बदल लेती है और यही इस पॉट की विशेषता भी है

अब हिन्दी में ईमेल भेजना आसान

जीमेल ने अपनी हिन्दी सेवा में भारतीय भाषाई ट्रांसलिटरेटर जोड़ा है. इस सेवा की मदद से कोई भी व्यकित हिन्दी तथा तमिल, तेलुगु, मलयालम आदि दक्षिण भारतीय भाषाओं मे आसानी से ईमेल कर पाएगा और उसे कोई भी फोंट डाउनलोड नहीं करने होंगे. लेकिन इस सेवा का उपयोग करने के लिए आपको अपने गूगल अकाउंट की भाषा "हिन्दी" करनी होगी. यदि आप जीमेल को अंग्रेजी भाषा में प्रयोग कर रहे हैं तो जाहिर है यह सुविधा प्राप्त नहीं होगी. यह सेवा स्वदेशी भाषा में ईमेल करने वाले लोगों के लिए काफी उपयोगी है.

बच्चों के लिए एक मजेदार साइट

हमारी आज की ईस्रोत साइट बच्चों के लिए है. www.ziggityzoom.com , जैसा कि नाम से ही प्रतित होता मौज मजे से भरपूर साइट है.

इसमें खेल, कलरिंग, कहानियाँ, गतिविधि और प्लेग्राउंड नामक पाँच श्रेणियाँ है. इसमें से प्लेग्राउंड में ऑनलाइन खेल रखे हुए हैं. एक्टिविटी में क्राफ्ट संबंधित बातें लिखी गई हैं.
कलरिंग आदि श्रेणियों मे डाउनलोड सुविधा भी है, यानी कि आप प्रिंटआउट निकाल कर रंग भर सकते हैं. कहानियों का विभाग भी काफी अच्छा है और यहाँ फ्लेश आधारित एनीमेटेड कहानियाँ रखी गई हैं. यह साइट बच्चों को काफी पसंद आएगी.

बेटी की चाहत? अफ्रीकन देशों मे जाइए

जो युगल अपनी संतान के रूप में कन्या की चाहत रखते हैं उन्हें अफ्रीका के किसी देश में जाना चाहिए. यह मजेदार और आश्चर्यजनक शोध एक अमेरिकन एंडोक्रेनोलोजिस्ट कर्स्टन नवारा ने की है.
कर्स्टन के अनुसार विगत वर्षों मे उष्णकटिबंध तथा उत्तरी ध्रुव के बीच के देशों मे जन्मे शिशुओं मे कन्याएँ अधिक हैं. भारत भी इस वर्ग में आता है. शोध के अनुसार भारत और चीन जैसों देशों - जहाँ संतान के रूप में लडके की चाहत अधिक होती है तथा भ्रुण हत्याएँ होती है – के बावजूद व्यापक परिपेक्ष में देखने पर यह दर कायम है.
कर्स्टन ने अपनी शोध के लिए 1997 से लेकर 2006 तक के आँकडे जमा किए हैं और उन आँकडो को सीआईए ने अपनी वर्ल्ड फेक्ट बुक मे दर्ज किया है.
अनुपात की दृष्टि से देखें तो विगत दशक में दुनिया में 51.3% पुरूष तथा 48.7% महिला शिशु जन्मी है. परंतु उष्णकटिबंधीय देशों मे पुरूष शिशु की जन्म दर 51.1% है, और अफ्रीकन देशों में तो यह दर और भी कम यानी 50.8% है.
एक ब्रिटिश अखबार में छपी खबर के अनुसार यह आँकडे सिद्ध करते है कि उष्णकटिबंधीय और विशेष रूप से अफ्रीकन देशों मे कन्याएँ अपेक्षाकृत रूप से अधिक जन्म लेती हैं. वह भी तब जब कि वहाँ की समाजव्यवस्था आर्थिक व्यवस्था प्रतिकुल है.
लेकिन इसका वैज्ञानिक आधार क्या है? नवारा के अनुसार इस पर शोध होना बाकी है. यह महज सयोंग भी हो सकता है और यह भी हो सकता है कि इन देशों मे महसूस की जाने वाली भारी गर्मी और उमस वीर्य और अंडकोषों को प्रभावित करते हों!

भारत का “एयरफोर्स वन” कैसा है


अमेरिका के राष्ट्रपति जिस विशेष विमान में बैठ कर मुसाफरी करते हैं उसे “एयरफोर्स वन” कहा जाता है. इस श्रेणी के दो विमान हमेशा तैयार रहते हैं और इनमें से किसी एक में बैठकर राष्ट्रपति अपना प्रवास करते हैं.
अब भारत ने भी कुछ इसी तरह के विमान प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के लिए बनवाए हैं. इनमें से एक विमान ने कल पहली बार आधिकारिक उड़ान भरी और इसमें सफर करने का मौका राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को मिला.
वायुसेना का यह विशेष विमान हर प्रकार की आधुनिक सुविधाओं से लैस है और इसमें सुरक्षा मानकों का भी विशेष रूप से ध्यान रखा गया है. यह विमान परमाणु हमला झेलने में भी सक्षम है और इस प्रकार के किसी भी हमले के समय अतिविशिष्ट व्यक्ति को बचा सकता है. इसके अलावा इसमें मिसाइल रोधी तकनीकें लगाई गई है, जिससे विमान पर मिसाइल द्वारा हमला होने पर विमान का बचाव हो सके.

इस विमान में रेडियो वर्टिकल सेपरेशन सुविधा है, जिससे विमान के आसपास कोई दूसरा विमान उड़ान नहीं भर पाता है. इसकी अन्य सुविधाओं मे शामिल हैं ड्युअल फ्लाइट मैनेजमेंट, ऑटो लेंडिंग, इंटरनल नेविगेशन सिस्टम आदि.
इस विमान में एक समय में कुल 46 मुसाफिर यात्रा कर सकते हैं. यह विमान लगातार 11,100 किमी तक उड़ान भर सकता है और 41000 फूट की ऊँचाई पर 800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है.
इस विमान में एक वीवीआईपी रूम, कांफ्रेंस रूम, एक्ज़ेक्यूटिव ऑफिस, डबल बेडरूम, तथा मनोरंजन की कई सुविधाएँ हैं. प्रधानमंत्री विमान में बैठे बैठे ही अपना सारा काम काज कर पाएंगे और देश के सम्पर्क में रह पाएंगे. इस विमान के माध्यम से पीएमो और पीएम हमेशा सम्पर्क में रहेंगे.
इस बोइंग 747 विमान में अमेरिका की जनरल मोटर्स और फ्रांस की सीएफेम56 के बनाए इंजिन लगाए गए हैं और इसकी लागत है 934 करोड़ रूपए. ऐसे तीन विमान खरीदे जा रहे हैं.