जो युगल अपनी संतान के रूप में कन्या की चाहत रखते हैं उन्हें अफ्रीका के किसी देश में जाना चाहिए. यह मजेदार और आश्चर्यजनक शोध एक अमेरिकन एंडोक्रेनोलोजिस्ट कर्स्टन नवारा ने की है.
कर्स्टन के अनुसार विगत वर्षों मे उष्णकटिबंध तथा उत्तरी ध्रुव के बीच के देशों मे जन्मे शिशुओं मे कन्याएँ अधिक हैं. भारत भी इस वर्ग में आता है. शोध के अनुसार भारत और चीन जैसों देशों - जहाँ संतान के रूप में लडके की चाहत अधिक होती है तथा भ्रुण हत्याएँ होती है – के बावजूद व्यापक परिपेक्ष में देखने पर यह दर कायम है.
कर्स्टन ने अपनी शोध के लिए 1997 से लेकर 2006 तक के आँकडे जमा किए हैं और उन आँकडो को सीआईए ने अपनी वर्ल्ड फेक्ट बुक मे दर्ज किया है.
अनुपात की दृष्टि से देखें तो विगत दशक में दुनिया में 51.3% पुरूष तथा 48.7% महिला शिशु जन्मी है. परंतु उष्णकटिबंधीय देशों मे पुरूष शिशु की जन्म दर 51.1% है, और अफ्रीकन देशों में तो यह दर और भी कम यानी 50.8% है.
एक ब्रिटिश अखबार में छपी खबर के अनुसार यह आँकडे सिद्ध करते है कि उष्णकटिबंधीय और विशेष रूप से अफ्रीकन देशों मे कन्याएँ अपेक्षाकृत रूप से अधिक जन्म लेती हैं. वह भी तब जब कि वहाँ की समाजव्यवस्था आर्थिक व्यवस्था प्रतिकुल है.
लेकिन इसका वैज्ञानिक आधार क्या है? नवारा के अनुसार इस पर शोध होना बाकी है. यह महज सयोंग भी हो सकता है और यह भी हो सकता है कि इन देशों मे महसूस की जाने वाली भारी गर्मी और उमस वीर्य और अंडकोषों को प्रभावित करते हों!
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