ब्रिटेन के हेल्थ डिपार्टमंट ने 5।2 मिलियन पाउंड की लागत से एक पब्लिसिटी ड्राइव चलाई है, जो यह संदेश देता है कि कॉन्डम कॉन्फिडेंस से सेक्स अपील में बढ़ोतरी होती है। टेलिग्राफ के अनुसार, इस अभियान में युवतियों को बताया जा रहा है कि पुरुषों को वही महिलाएं सबसे ज्यादा पसंद आती हैं, जिनकी सोच अपनी ख्वाहिशों को लेकर एकदम स्पष्ट होती है।
ब्रिटेन के हेल्थ मिनिस्टर ने इस कैंपेन को लॉन्च किया है। वैसे, इस पब्लिसिटी कैंपेन में महिलाओं को यह सलाह भी दी गई है कि अपने पुरुष पार्टनर को कॉन्डम का इस्तेमाल करने के लिए वह किस तरह मना सकती हैं। कॉस्मोपोलिटन मैगजीन की राइटर सारा हेडले कहती हैं, 'रात में बाहर जाते समय कॉन्डम अपने साथ ले जाना उतना ही नॉर्मल है, जितना अपने साथ मोबाइल, चाबियां और पर्स रखना।'
हालांकि इस कैंपेन के लिए सरकार की काफी आलोचना भी की जा रही है। कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह सरकार एक से ज्यादा पार्टनर्स के साथ सेक्स को बढ़ावा दे रही है। ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी के सांसद जूलियन ब्रेजियर कहती हैं, 'सभी जानते हैं कि कंडोम का इस्तेमाल इन्फेक्शन और बीमारियों को फैलने से रोकता है। लेकिन लगता है कि यह अभियान चलाने वाली सरकार को इस बीमारी की जड़ अब तक समझ में नहीं आई है। यह प्रॉब्लम तभी शुरू होती है, जब लोग बिना सुरक्षा का खयाल किए कई लोगों से फिजिकल रिलेशनशिप बनाना शुरू कर देते हैं। इस अभियान से पब्लिक हेल्थ में सुधार आए या न आए, लेकिन अवैध संबंधों की परेशानी जरूर बढ़ेगी।'
स्टडीज ऑफ टीनएज प्रेग्नेंसी के लेखक पैट्रिसिया मॉर्गन का कहना है, 'गवर्नमंट के इस कैंपेन से लोग कई पार्टनर्स से फिजिकल रिलेशनशिप बनाने के लिए प्रेरित होंगे। सरकार ससायटी को बिगाड़ने के लिए इससे ज्यादा कुछ भी नहीं कर सकती। लड़कियों को कॉन्डम लेकर घूमने के लिए कहना ठीक वैसा ही है, जैसे किसी लड़की का अपने माथे पर नोटिस चिपकाकर घूमने के लिए कहना कि दूसरे लोगों को वह आसानी से उपलब्ध है।'
कुछ भारतीय विद्वानों ने भी इस अभियान की आलोचना की है। उनका मानना है कि यह एक तरह से युवाओं को अवैध और असुरक्षित सेक्स के लिए उकसाना है। वे तो यहां तक मानते हैं कि भारत में इस तरह के अभियान का कोई स्कोप ही नहीं है।
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