डेटिंग का चलन पश्चिमी जगत में अधिक है, लेकिन अब धीरे धीरे भारत में भी पैर पसार रहा है. इसको हम किसी भी रूप में ले सकते हैं, अपनी महिला मित्र (और सम्भावित प्रेमी) के साथ बाहर खाना खाने जाना भी इसी का एक भाग है.
तो यदि आप किसी के साथ “डेट” पर जाने वाले हैं तो इन बातों का ध्यान रखें :
ओवर स्मार्ट ना बनें. अपनी वास्तविक छवि में ही रहें. धीरे बोलें और आसपास के लोगों के साथ भद्र व्यवहार करें. आपकी साथी को आपका सौम्य रूप ही अच्छा लगेगा.
अपनी पूर्व प्रेमिका या किसी अन्य महिला साथी की बात ना करें. जब आप पहली बार किसी महिला मित्र के साथ बैठे हैं तो कोशिश करें कि आपकी बातचीत का दायरा आप दोनों तक ही सिमित रहे.
अपनी समस्याएँ सुनाना ना शुरू करें. यह सही है कि समस्याएँ बाँटने से दु:ख कम हो जाता है, लेकिन हर मौके पर नहीं. खुश दिखने का प्रयत्न करें.
अपनी मित्र को भी बोलने दें. एक अच्छा वक्ता अच्छा श्रोता भी होता है. उनकी बात सुनें और समझें. उन्हें यह अहसास ना होने दें कि आपको उनकी बात में रूची नहीं.
उनकी प्रशंसा करें. प्रशंसा किसे पसंद नहीं, और विशेष रूप से महिलाओं को प्रशंसा काफी अच्छी लगती है. तो उनकी सुंदरता से लेकर उनके पर्स तक कई प्रंशसनीय बातें हो सकती है, ढुंढे और प्रशंसा करें.
अंत में, कभी भी सेक्स के लिए ना भागें. कभी भी उन्हें यह अहसास ना होने दें कि आपको उनकी जरूरत मात्र उस “एक ही वजह” के लिए है. अपने रिश्ते को गहराने और एक दूसरे को समझने के लिए समय दें.
Saturday, March 28, 2009
5 ऐसी चीजें जो आपके सेक्स जीवन में नए रंग भर सकती हैं
क्या आप अपने सेक्स जीवन में निरसता का अनुभव कर रहे हैं? कुछ ऐसे साधारण से उपाय हैं, जो नीरस सेक्स जीवन में नए रंग भर सकते हैं.
हम यहाँ 5 ऐसी वस्तुओं की सूची दे रहे हैं जिनका प्रयोग कर आप खुद देख सकते हैं कि कैसे ये छोटी चीजें आपकी सेक्स जिंदगी में नया उत्साह ला सकती है!
आँखों की पट्टी: सिल्क या अन्य किसी कपड़े की छोटी पट्टी बनाइए और अपने साथी की आँखों को ढक दीजिए. इसके बाद उन्हें सोचने दीजिए कि आप क्या करने वाले हैं. नए प्रयोग कीजिए. आँखों पर पट्टी बंधी होने से आपके साथी को भी कुछ अलग सा अहसास होगा. लुकाछिपी का यह खेल काफी मजेदार साबित हो सकता है. आजमा कर देखिए.
सुगंधित तेल: अच्छी खुश्बू दिलो दिमाग को तरोताज़ा कर देती है. आप अपने शयनकक्ष में कुछ ऐसे सुगंधित तेल रख सकते हैं, जिनका इस्तेमाल मसाज करने मे किया जा सकता हो. यह भी कुछ नया अनुभव देगा.
हथकड़ी: सचमुच की ना सही! किसी भी कपड़े का इस्तेमाल आप हथकड़ी बनाने में कर सकते हैं. बस अपने साथी के हाथ कपडे से बांध दीजिए [ध्यान रखें की उन्हें चोट ना लगे]. इस तरह से कुछ देर के लिए वह आपका गुलाम बन जाएगा (यकीन मानिए इससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी). इसके बाद के क्षण आपके होंगे!
बड़ा सा आईना: कभी कभी खुद अपने “वे क्षण” देखना भी रोमांचकारी हो सकता है. तो क्यों ना आप अपने पलंग के पास किसी बड़े आईने को रख दें. इसके नतीजे रोमांचकारी होंगे.
सोफ्टी: रसोईघर में जाएँ और फ्रिज में से सोफ्टी, स्ट्राबेरी, क्रीम, जैम अथवा जेली कुछ भी ले निकाल लीजिए. यह सूची कितनी भी लम्बी हो सकती है. अब यह आपके और आपके साथी के ऊपर है कि आप दोनों इनका किस तरह से इस्तेमाल करते हैं. प्रयोग तो अनेकों हैं. कुछ नया सोचिए
ये सभी प्रयोग सेक्स जीवन और अंतरंग क्षणों में नए रंग भर सकते हैं। लेकिन ये पल बेहद निजी होते हैं, इसलिए आप स्वयं ही जान सकते हैं कि आप दोनों कैसे चरम संतुष्टि पा सकते हैं.
हम यहाँ 5 ऐसी वस्तुओं की सूची दे रहे हैं जिनका प्रयोग कर आप खुद देख सकते हैं कि कैसे ये छोटी चीजें आपकी सेक्स जिंदगी में नया उत्साह ला सकती है!
आँखों की पट्टी: सिल्क या अन्य किसी कपड़े की छोटी पट्टी बनाइए और अपने साथी की आँखों को ढक दीजिए. इसके बाद उन्हें सोचने दीजिए कि आप क्या करने वाले हैं. नए प्रयोग कीजिए. आँखों पर पट्टी बंधी होने से आपके साथी को भी कुछ अलग सा अहसास होगा. लुकाछिपी का यह खेल काफी मजेदार साबित हो सकता है. आजमा कर देखिए.
सुगंधित तेल: अच्छी खुश्बू दिलो दिमाग को तरोताज़ा कर देती है. आप अपने शयनकक्ष में कुछ ऐसे सुगंधित तेल रख सकते हैं, जिनका इस्तेमाल मसाज करने मे किया जा सकता हो. यह भी कुछ नया अनुभव देगा.
हथकड़ी: सचमुच की ना सही! किसी भी कपड़े का इस्तेमाल आप हथकड़ी बनाने में कर सकते हैं. बस अपने साथी के हाथ कपडे से बांध दीजिए [ध्यान रखें की उन्हें चोट ना लगे]. इस तरह से कुछ देर के लिए वह आपका गुलाम बन जाएगा (यकीन मानिए इससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी). इसके बाद के क्षण आपके होंगे!
बड़ा सा आईना: कभी कभी खुद अपने “वे क्षण” देखना भी रोमांचकारी हो सकता है. तो क्यों ना आप अपने पलंग के पास किसी बड़े आईने को रख दें. इसके नतीजे रोमांचकारी होंगे.
सोफ्टी: रसोईघर में जाएँ और फ्रिज में से सोफ्टी, स्ट्राबेरी, क्रीम, जैम अथवा जेली कुछ भी ले निकाल लीजिए. यह सूची कितनी भी लम्बी हो सकती है. अब यह आपके और आपके साथी के ऊपर है कि आप दोनों इनका किस तरह से इस्तेमाल करते हैं. प्रयोग तो अनेकों हैं. कुछ नया सोचिए
ये सभी प्रयोग सेक्स जीवन और अंतरंग क्षणों में नए रंग भर सकते हैं। लेकिन ये पल बेहद निजी होते हैं, इसलिए आप स्वयं ही जान सकते हैं कि आप दोनों कैसे चरम संतुष्टि पा सकते हैं.
5 ऐसी गलतियाँ जो पुरूष बेडरूम में आम तौर पर करते हैं
यह सही है कि पुरूषों और महिलाओं की सेक्सुअल ईच्छाएँ और चरमोत्कर्ष तक पहुँचने में लगने वाला समय अलग अलग होता है. लेकिन इन असमानताओं की बीच संतुलन साध पाने से हमारा सेक्स जीवन सुखमय बन सकता है.
पुरूष महिलाओं की अपेक्षा सेक्स के प्रति अधिक सवेंदनशील होते हैं, इसलिए वे आम तौर पर कुछ ऐसी गलतियाँ करते हैं, जिनसे बचा जाना चाहिए.
प्रेम की शुरूआत तुरंत ही नही होती:
इस बात का ध्यान रखें कि कही आप अपनी साथी/पत्नी के साथ जबरदस्ती तो नहीं कर रहे. चुँकि पुरूष महिलाओं की अपेक्षा तेजी से उत्तेजित होते हैं, इसलिए वे प्रेम की अपेक्षा सेक्स को अधिक महत्व देने लग जाते हैं. यह बात ध्यान मे रखने जैसी है कि सेक्स भी प्रेम का ही एक हिस्सा है, उससे अलग नहीं है.
इसलिए अपने बेडरूम के माहौल को प्रेममय बनाए रखें. अपनी साथी / पत्नी के साथ मित्रतापूर्ण और प्रेम भरा व्यवहार करें. उन्हें समय दें और प्रेमवत बातें करें.
फोरप्ले बेहद जरूरी: महिलाएँ पुरूषों की अपेक्षा धीरे धीरे उत्तेजित होती है. इसलिए पुरूषों के लिए जरूरी है कि वे अपनी उत्तेजना को काबु मे रखें और अपनी साथी को उत्तेजना प्राप्त करने का समय दें. सेक्स में लिप्त होने से पहले फोरप्ले बेहद जरूरी होता है.
कई मनौविज्ञानी तो फोरप्ले को सेक्स से भी अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं. यदि आप लम्बे समय तक फोरप्ले में मग्न रहते है आपको तथा आपकी मित्र को पूर्ण संतुष्टि का अनुभव होता है.
आपकी पत्नी पोर्नस्टार नही है: ध्यान रखें की पोर्न फिल्में छलावे से अधिक कुछ नहीं होती. उन फिल्मों मे दिखाई जा रहे दृश्य फिल्माए गए होते हैं और वास्तविक नहीं होते हैं. इसलिए उन फिल्मों के पात्र जो अभिनय करते हैं वैसी ही अपेक्षा हम अपने मित्र से नहीं रख सकते.
आपकी साथी को पोर्नस्टार के रूप मे ना देखें और ना ही उनसे अनेपक्षित उम्मीदें रखें. जो क्रिडाएँ आपके साथी को रूचीकर ना लगे वे क्रिडाएँ करने के लिए उन्हें बाधित ना करें. क्योंकि सेक्स आखिरकार दोनों व्यक्तियों की व्यक्तिगत रूचि का मामला है.
अपनी साथी को भी मौका दें:
सेक्स के दौरान खुद में इतना ना खो जाएँ कि आपकी साथी / पत्नी को यह अहसास होने लग जाए कि आपको सिर्फ आपकी संतुष्टि से प्यार है उनसे नही. अपनी पत्नी को भी समय दें और उन्हें मनचाही क्रिडाएँ करने दें. सिर्फ अपनी नहीं बल्कि दोनों की संतुष्टि का ख्याल रखें.
एक चरमोत्कर्षी के बाद दूसरी:
पुरूषों के लिए यह सरल है लेकिन महिलाओं के लिए नहीं. पुरूष एक बार चरमोत्कर्षी प्राप्त करने के बाद तुरंत ही फिर से सेक्स में लिप्त हो सकते हैं, परंतु महिलाओं की बायोलोजी ऐसी नहीं होती है. उन्हें उत्तेजित होने और सेक्स का आनंद उठाने के लिए तैयार होने में समय लगता है.
इसलिए एक बार चरमोत्कर्ष प्राप्त करने के बाद विश्राम करें और तुरंत ही दूसरी बार सेक्स में लिप्त ना हो जाएँ. इसके विपरित दोनों की चरमोत्कर्षी के बाद अपनी पत्नी के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करने से आप दोनों को मानसिक शांति मिलेगी.
पुरूष महिलाओं की अपेक्षा सेक्स के प्रति अधिक सवेंदनशील होते हैं, इसलिए वे आम तौर पर कुछ ऐसी गलतियाँ करते हैं, जिनसे बचा जाना चाहिए.
प्रेम की शुरूआत तुरंत ही नही होती:
इस बात का ध्यान रखें कि कही आप अपनी साथी/पत्नी के साथ जबरदस्ती तो नहीं कर रहे. चुँकि पुरूष महिलाओं की अपेक्षा तेजी से उत्तेजित होते हैं, इसलिए वे प्रेम की अपेक्षा सेक्स को अधिक महत्व देने लग जाते हैं. यह बात ध्यान मे रखने जैसी है कि सेक्स भी प्रेम का ही एक हिस्सा है, उससे अलग नहीं है.
इसलिए अपने बेडरूम के माहौल को प्रेममय बनाए रखें. अपनी साथी / पत्नी के साथ मित्रतापूर्ण और प्रेम भरा व्यवहार करें. उन्हें समय दें और प्रेमवत बातें करें.
फोरप्ले बेहद जरूरी: महिलाएँ पुरूषों की अपेक्षा धीरे धीरे उत्तेजित होती है. इसलिए पुरूषों के लिए जरूरी है कि वे अपनी उत्तेजना को काबु मे रखें और अपनी साथी को उत्तेजना प्राप्त करने का समय दें. सेक्स में लिप्त होने से पहले फोरप्ले बेहद जरूरी होता है.
कई मनौविज्ञानी तो फोरप्ले को सेक्स से भी अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं. यदि आप लम्बे समय तक फोरप्ले में मग्न रहते है आपको तथा आपकी मित्र को पूर्ण संतुष्टि का अनुभव होता है.
आपकी पत्नी पोर्नस्टार नही है: ध्यान रखें की पोर्न फिल्में छलावे से अधिक कुछ नहीं होती. उन फिल्मों मे दिखाई जा रहे दृश्य फिल्माए गए होते हैं और वास्तविक नहीं होते हैं. इसलिए उन फिल्मों के पात्र जो अभिनय करते हैं वैसी ही अपेक्षा हम अपने मित्र से नहीं रख सकते.
आपकी साथी को पोर्नस्टार के रूप मे ना देखें और ना ही उनसे अनेपक्षित उम्मीदें रखें. जो क्रिडाएँ आपके साथी को रूचीकर ना लगे वे क्रिडाएँ करने के लिए उन्हें बाधित ना करें. क्योंकि सेक्स आखिरकार दोनों व्यक्तियों की व्यक्तिगत रूचि का मामला है.
अपनी साथी को भी मौका दें:
सेक्स के दौरान खुद में इतना ना खो जाएँ कि आपकी साथी / पत्नी को यह अहसास होने लग जाए कि आपको सिर्फ आपकी संतुष्टि से प्यार है उनसे नही. अपनी पत्नी को भी समय दें और उन्हें मनचाही क्रिडाएँ करने दें. सिर्फ अपनी नहीं बल्कि दोनों की संतुष्टि का ख्याल रखें.
एक चरमोत्कर्षी के बाद दूसरी:
पुरूषों के लिए यह सरल है लेकिन महिलाओं के लिए नहीं. पुरूष एक बार चरमोत्कर्षी प्राप्त करने के बाद तुरंत ही फिर से सेक्स में लिप्त हो सकते हैं, परंतु महिलाओं की बायोलोजी ऐसी नहीं होती है. उन्हें उत्तेजित होने और सेक्स का आनंद उठाने के लिए तैयार होने में समय लगता है.
इसलिए एक बार चरमोत्कर्ष प्राप्त करने के बाद विश्राम करें और तुरंत ही दूसरी बार सेक्स में लिप्त ना हो जाएँ. इसके विपरित दोनों की चरमोत्कर्षी के बाद अपनी पत्नी के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करने से आप दोनों को मानसिक शांति मिलेगी.
आदर्श "सेक्स" साथी कैसे बनें?

यह बात सही है कि हर व्यक्ति की अपनी ईच्छाएँ और प्राथमिकताएँ होती हैं, इसलिए एक किसी एक व्यक्ति के लिए आदर्श "सेक्स" स्थितियाँ किसी अन्य के लिए कोई मायने नहीं रखती. परंतु फिर भी कुछ ऐसे छोटी छोटी बातें हैं, जिन पर ध्यान देने से सेक्स जीवन बेहतर हो सकता है. यदि आप कुछ "आउट ऑफ बॉक्स" बातों को ध्यान रखें तो अपने साथी के साथ बिताए जाने वाले कुछ खास पल यादगार बने रहेंगे.संतुष्टि देने का प्रयत्न: सेक्स एक ऐसी क्रिया है, जिसमें मात्र प्राप्ति की आशा नहीं रखी जा सकती. इसलिए हमेशा प्रयत्न करें कि आपके साथी को पूर्ण संतुष्टि का अनुभव हो. यदि आप दोनों ऐसा सोचेंगे तो आपके वे पल यकीनन यादगार बनते रहेंगे. हो सकता है कि कुछ सेक्सुअल चीजें आपको अच्छी ना लगती हों, परंतु आपके साथी को लगती हों, तो प्रयत्न करे कि कभी कभी आपके साथी की खुशी के लिए आप विविध प्रयोग करते रहें. जरूरी नही कि आप हमेशा ऐसा करें, परन्तु कभी कभी तो ऐसा किया ही जा सकता है.स्वच्छता का ख्याल:स्वच्छता का आग्रह सबका होता है. इसलिए अपने शरीर की जाँच करे और अनचाहे बालों को हटा दें. स्वच्छ वातावरण और स्वच्छ देह "सेक्स" के लिए सर्वाधिक जरूरी है. उन लम्हों को और भी बेहतर बनाने के लिए सुगंधित इत्र का प्रयोग भी कर सकते हैं. नवीनता बनाए रखें:सेक्स को मात्र करने के लिए ना करें. सेक्स कोई दैनिन्दिनी का कार्य नहीं है. यह संतुष्टि और प्रजनन के लिए आवश्यक क्रिया है. इसलिए इन पलों का हमेशा आनंद लेना चाहिए. इसके लिए जरूरी है कि विविधता बनी रहे. एक ही प्रकार की क्रिया और आसन से सेक्स एक नीरस क्रिया बन जाती है. अपने वजन पर नजर रखें:शरीर में "ठीक" व्यक्ति भी सेक्स का आनंद तो उठा ही सकते हैं, लेकिन फिर भी यह भी सत्य है कि यदि दोनों व्यक्तियों का शारीरिक वजन संतुलित हो. तो चैक करें कि कहीं आपका वजन बढ तो नही रहा है! यदि बढता हुआ लगे, तो आज से ही कसरत करनी शुरू कर दीजिए. क्योंकि संतुलित वजन स्वास्थ्य और सेक्स दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक होता है.
वे बातें जो युगल बेडरूम में सुनना पसंद करते हैं
प्रशंसा सभी को प्यारी होती है और प्रेम से कहे गए दो शब्द भी जादू कर जाते हैं. शयनकक्ष में ये बातें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. वैसे तो प्रेम दो व्यक्तियो के बीच का एक बेहद निजी संबंध होता है, परंतु फिर भी आप प्रस्तुत लेख से कुछ टिप्स अवश्य ले सकते हैं. ये वे बातें हैं जिन्हे महिलाएँ और पुरूष शयनकक्ष में सुनना पसंद करते हैं. मैं तुम से बेहद प्यार करता हूँ: ढाई अक्षर का यह शब्द “प्यार” यदि दिल से कहा जाए तो जादू कर सकता है. हालाँकि यह सही है कि एक दूसरे के प्रति प्रेम को हर बार जाहिर करना आवश्यक नहीं है, परन्तु आप यदि अपनी पत्नी से यह कहेंगे कि “आप उनसे बेहद प्रेम करते हैं”, तो उन्हें बेहद अच्छा लगेगा.
महिलाओं को अपने मित्र और पति से यह अपेक्षा रहती है कि वे उन्हें “विशेष” होने का अहसास कराएँ, और उसके लिए इन दो शब्दों से बेहतर विकल्प और क्या हो सकता है?
तुम काफी हॉट हो:
महिलाएँ अपने लूक, व्यक्तित्व और देह के प्रति काफी सचेत होती हैं. इसलिए प्रशंसा में कहे गए ये शब्द काफी प्रभाव पैदा करते हैं. आपकी पत्नी अथवा महिला मित्र को आपके लिए विशेष होने का अनुभव काफी आत्मसंतुष्टि देगा.
तो जब भी आप अकेले हों और मूड में हों तो यह जरूर कहें कि “तुम काफी हॉट लग रही हो!”
आज की रात यादगार बनाते हैं:
बायोलोजिक रूप से देखा जाए तो पुरूष सेक्स के प्रति अधिक उत्साहित होते हैं. वे हमेशा कुछ नया करना चाहते हैं. परंतु महिलाओं की ईच्छाएँ अलग होती हैं और उन्हे सेक्स के प्रति उतनी आशक्ति नहीं होती.
लेकिन फिर भी कभी कभी यदि आप अपने पति से यह कहेंगी कि आज की रात “यादगार” रहेगी तो उन्हें निसंदेह अच्छा लगेगा. इससे आपके पति अथवा मित्र का आत्मविश्वास जगेगा और उन्हें अहसास होगा कि आपको उनकी परवाह है, और आप भी सेक्स के प्रति उत्साहित हैं.
जी चाहता है बस तुम्हें देखता रहूँ: यह एक आम धारणा है कि पुरूष सेक्स के प्रति अति सवेंदनशील होते हैं. यह धारणा एकदम गलत भी नहीं है. इसलिए आपको चाहिए कि आप अपनी पत्नी को यह अहसास कराएँ कि आपके लिए फोरप्ले का उतना ही महत्व है जितना सेक्स का.
उन्हें अहसास कराएँ कि आपको उनकी जरूरत बस उन कुछ क्षणों के लिए ही नहीं बल्कि हर समय है. यह ऐसी बात है जो हमेशा बोलने की आवश्यकता भी नहीं होती. यदि आप सचमुच उनसे बेहद प्यार करते हैं तो यकीन मानिए आपकी आँखें ही बोल देंगी. बस इतना ध्यान रखें कि महिलाओं को सेक्स के प्रति तैयार होने में समय लगता है. इसलिए उन्हें पूरा समय दें.
मैं कई बार इन पलों के बारे में सोचती हूँ: अग्रणी सेक्सोलोजिस्ट और मनोवैज्ञानिकों का मत है कि पुरूषों मे फेंटेसी में जीने की दर महिलाओं की अपेक्षा अधिक होती है. इसलिए उन अंतरंग क्षणों के दौरान यदि आप अपने पति से यह कहें कि आपने कई बार इन पलों को फेंटेसी में जीया है तो उन्हें अच्छा ही लगेगा.
इससे उन्हें यह अहसास भी होगा कि आप इन पलों को उनकी गैर मौजूदगी में भी याद रखती हैं.
महिलाओं को अपने मित्र और पति से यह अपेक्षा रहती है कि वे उन्हें “विशेष” होने का अहसास कराएँ, और उसके लिए इन दो शब्दों से बेहतर विकल्प और क्या हो सकता है?
तुम काफी हॉट हो:
महिलाएँ अपने लूक, व्यक्तित्व और देह के प्रति काफी सचेत होती हैं. इसलिए प्रशंसा में कहे गए ये शब्द काफी प्रभाव पैदा करते हैं. आपकी पत्नी अथवा महिला मित्र को आपके लिए विशेष होने का अनुभव काफी आत्मसंतुष्टि देगा.
तो जब भी आप अकेले हों और मूड में हों तो यह जरूर कहें कि “तुम काफी हॉट लग रही हो!”
आज की रात यादगार बनाते हैं:
बायोलोजिक रूप से देखा जाए तो पुरूष सेक्स के प्रति अधिक उत्साहित होते हैं. वे हमेशा कुछ नया करना चाहते हैं. परंतु महिलाओं की ईच्छाएँ अलग होती हैं और उन्हे सेक्स के प्रति उतनी आशक्ति नहीं होती.
लेकिन फिर भी कभी कभी यदि आप अपने पति से यह कहेंगी कि आज की रात “यादगार” रहेगी तो उन्हें निसंदेह अच्छा लगेगा. इससे आपके पति अथवा मित्र का आत्मविश्वास जगेगा और उन्हें अहसास होगा कि आपको उनकी परवाह है, और आप भी सेक्स के प्रति उत्साहित हैं.
जी चाहता है बस तुम्हें देखता रहूँ: यह एक आम धारणा है कि पुरूष सेक्स के प्रति अति सवेंदनशील होते हैं. यह धारणा एकदम गलत भी नहीं है. इसलिए आपको चाहिए कि आप अपनी पत्नी को यह अहसास कराएँ कि आपके लिए फोरप्ले का उतना ही महत्व है जितना सेक्स का.
उन्हें अहसास कराएँ कि आपको उनकी जरूरत बस उन कुछ क्षणों के लिए ही नहीं बल्कि हर समय है. यह ऐसी बात है जो हमेशा बोलने की आवश्यकता भी नहीं होती. यदि आप सचमुच उनसे बेहद प्यार करते हैं तो यकीन मानिए आपकी आँखें ही बोल देंगी. बस इतना ध्यान रखें कि महिलाओं को सेक्स के प्रति तैयार होने में समय लगता है. इसलिए उन्हें पूरा समय दें.
मैं कई बार इन पलों के बारे में सोचती हूँ: अग्रणी सेक्सोलोजिस्ट और मनोवैज्ञानिकों का मत है कि पुरूषों मे फेंटेसी में जीने की दर महिलाओं की अपेक्षा अधिक होती है. इसलिए उन अंतरंग क्षणों के दौरान यदि आप अपने पति से यह कहें कि आपने कई बार इन पलों को फेंटेसी में जीया है तो उन्हें अच्छा ही लगेगा.
इससे उन्हें यह अहसास भी होगा कि आप इन पलों को उनकी गैर मौजूदगी में भी याद रखती हैं.
सेक्स “सर्वश्रेष्ठ कसरत” होती है. जानिए कैसे

सेक्स हमारे न्यूरल सिस्टम और रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुचारू बनाता है, और इससे तनाव से मुक्ति मिलती है. सेक्स जिंदगी यदि बेहतर होती है तो स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. सेक्स वास्तव में सबसे अच्छी कसरत भी है. जब युगल सेक्स में लिप्त होते हैं तो उनके शरीर को अच्छी कसरत मिलती है. सेक्स के कई ऐसे तरीके हैं जो कसरत के लिहाज से भी अच्छे हैं:
मिशनरी मिशनरी, दुनिया का सबसे अधिक लोकप्रिय सेक्स पोज़िशन है. भारत में करीब 90% युगल इस पोजिशन को पसंद करते हैं. कसरत के लिहाज से देखा जाए तो भी यह काफी उपयोगी पोजिशन है.
यह पोजिशन वजन के संतुलन पर आधार रखती है. इस पोजिशन में पुरूष उपर होता है और उसके हाथ तथा पाँव के स्नायूओं को अच्छा खिंचाव प्राप्त होता है, इससे वे मजबूत बनते हैं. इस पोजिशन में महिला नीचे होती और पीठ के बल लेटी होती है लेकिन फिर भी उसे अपनी पीठ और कमर के भाग को फैलाने और सिकोडने का मौका मिलता है. इससे कमर के स्नायूओं को उपयोगी कसरत मिलती है. उन महिलाओं के लिए, जिनको कमर दर्द की शिकायत रहती है, यह पोजिशन काफी उपयोगी है.
इसके अलावा इस पोजिशन से कुल्हे, घुटने और एडी को भी अच्छी कसरत मिलती है. बैठक पोजिशन यह पोजिशन भारत में उतनी लोकप्रिय नहीं परंतु पश्चिमी जगत में एक आम पोजिशन है. इस पोजिशन में युगल बैठकर सेक्स करते हैं. इस पोजिशन से तलुवों को बेहतरीन कसरत मिलती है. इस पोजिशन से जाँघ के स्नायू खिंचाव प्राप्त करते हैं और कमर को भी कसरत मिलती है. इस पोजिशन मे शरीर को जितनी कसरत मिलती है उतनी अन्य किसी सेक्स पोजिशन में नही मिलती. यह काफी थकाऊ पोजिशन भी है.
कँधे पर पाँव
कुछ सेक्स पोजिशन ऐसी होती है जिसमें महिला अपने पाँव को पुरूष के कँधे तक फैलाती है. यह पोजिशन सेक्स की दृष्टि से तो काफी अच्छी है ही परंतु कसरत के लिहाज से भी अति उत्तम है. इससे महिला के पाँवों के स्नायूओं को अच्छा खिंचाव मिलता है. और उसके घुटने मजबूत बनते हैं और कुल्हे के स्नायूओं को भी आराम मिलता है.
महिला ऊपर
महिला का ऊपर होना भी एक अच्छी सेक्स पोजिशन है. यह पोजिशन महिलाओं के लिए आदर्श है क्योंकि इस पोजिशन से उन्हें संतुष्टि का अहसास मिलता है. यह पोजिशन उन्हें अच्छी कसरत भी देती है. इस पोजिशन से महिला के हाथों और बाहों को कसरत मिलती है. पुरूष के लिए भी यह अच्छी कसरत होती है क्योंकि उसे महिला के वजन को सम्भालना होता है.
दुश्मन की जगह बताएगा कमाल का हेल्मेट

दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है और सेना के जवान अपने दुश्मनों का ठिकाना ढूंढ रहे हैं. सैनिकों के दल के पास खुद के पीडीए फोन हैं.
एक सैनिक अपने पीडीए फोन में मौजूद त्रिआयामी नक्शा देखता है. दुश्मन की तरफ से एक गोली छूटती है जो उसके पास से गुजर जाती है और इसके साथ ही त्रिआयामी नक्शे पर दुश्मन का चित्र उभर आता. अब उस सैनिक को पता है कि गोली चलाने वाला व्यक्ति उससे कितना दूर है और किस दिशा में है.
यह कोई कम्प्यूटर खेल नहीं है, बल्कि इसे “शूटर लोकेशन सिस्टम” कहते हैं और इस सिस्टम को अमेरिका की वांडरबिट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बनाया है. यह सिस्टम युद्धक्षैत्र में लड रहे सैनिकों के लिए अति उपयोगी है.
यह कैसे काम करता ह?
इस सिस्टम में सभी सैनिकों के पास अपना अपना पीडीए फोन होता है. इसके अलावा उनके हेल्मेट पर कई सारे “स्मार्ट नोड्स” लगे होते हैं जो दुश्मन की गतिविधि का पता लगा लेते हैं. जैसे ही कोई दुश्मन गोली छोड्ता है. उसके राइफल से दो तरह की ध्वनि तरंगे निकलती है.
एक बंदूक की नली से आती है और एक गोली की खूद की आवाज़ होती है. सामने वाले सैनिक के हेल्मेट पर लगे स्मार्ट नोड्स इन अलग अलग ध्वनि तरंगो की पहचान कर लेते हैं और दुश्मन के स्थान का पता लगा लेते हैं. यह सिस्टम पूरी तरह से ध्वनि तरंगों पर आधारित होता है. इसलिए जितनी अधिक आवाजें उसे प्राप्त होती है उतनी ही अच्छी तरह से वह दुश्मन के स्थान का पता लगाता है.
उसके बाद का कार्य उस सैनिक का होता है.
एक सैनिक अपने पीडीए फोन में मौजूद त्रिआयामी नक्शा देखता है. दुश्मन की तरफ से एक गोली छूटती है जो उसके पास से गुजर जाती है और इसके साथ ही त्रिआयामी नक्शे पर दुश्मन का चित्र उभर आता. अब उस सैनिक को पता है कि गोली चलाने वाला व्यक्ति उससे कितना दूर है और किस दिशा में है.
यह कोई कम्प्यूटर खेल नहीं है, बल्कि इसे “शूटर लोकेशन सिस्टम” कहते हैं और इस सिस्टम को अमेरिका की वांडरबिट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बनाया है. यह सिस्टम युद्धक्षैत्र में लड रहे सैनिकों के लिए अति उपयोगी है.
यह कैसे काम करता ह?
इस सिस्टम में सभी सैनिकों के पास अपना अपना पीडीए फोन होता है. इसके अलावा उनके हेल्मेट पर कई सारे “स्मार्ट नोड्स” लगे होते हैं जो दुश्मन की गतिविधि का पता लगा लेते हैं. जैसे ही कोई दुश्मन गोली छोड्ता है. उसके राइफल से दो तरह की ध्वनि तरंगे निकलती है.
एक बंदूक की नली से आती है और एक गोली की खूद की आवाज़ होती है. सामने वाले सैनिक के हेल्मेट पर लगे स्मार्ट नोड्स इन अलग अलग ध्वनि तरंगो की पहचान कर लेते हैं और दुश्मन के स्थान का पता लगा लेते हैं. यह सिस्टम पूरी तरह से ध्वनि तरंगों पर आधारित होता है. इसलिए जितनी अधिक आवाजें उसे प्राप्त होती है उतनी ही अच्छी तरह से वह दुश्मन के स्थान का पता लगाता है.
उसके बाद का कार्य उस सैनिक का होता है.
वरुण का समर्पण, जेल भेजे गए

पीलीभीत। भड़काऊ भाषण मामले में भाजपा के युवा नेता एवं पीलीभीत संसदीय सीट से प्रत्याशी वरुण गांधी को शनिवार को अदालत में समर्पण के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अदालत वरुण की जमानत याचिका पर 30 मार्च को सुनवाई करेगी।
इससे पहले, अदालत पहुंचे वरुण गांधी ने कहा कि मैं अपने सिद्धांतों से पीछे हटने को तैयार नहीं हूं और मैं इसके लिए जेल जाने को भी तैयार हूं। इस बीच, जिला पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए भाजपा के लगभग 50 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
वरुण गांधी की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में खारिज होने के बाद उनकी गिरफ्तारी की संभावनाएं व्यक्त की जा रही थी। वरुण ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत ले रखी थी जो शुक्रवार रात 12 बजे तक थी। वरुण ने कल अपनी जमानत याचिका दिल्ली हाइकोर्ट से वापस ले ली थी।
जहां वरुण खेमा इस घटनाक्रम से राजनैतिक लाभ मिलने के प्रति आशान्वित हैं, वहीं पार्टी नेतृत्व इस विचार से सहमत नहीं है।
गौरतलब है कि पीलीभीत संसदीय सीट से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत करने की तैयारी में लगे वरुण गांधी उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में कथित संप्रदाय विरोधी भाषण के कारण सुर्खियों में आ गए थे। इस सीट का प्रतिनिधित्व वरुण की मां मेनका गांधी करती रही हैं। वरुण के भाषण की सीडी में मुस्लिम विरोधी बातें होने के कारण चुनाव अधिकारियों ने पीलीभीत में वरुण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
ऐश्वर्या क्यों नहीं बनी बार्बी

पहले खबर थी कि ऐश्वर्या राय बार्बी के रूप में रेम्प पर चलेंगी. लेकिन अंत मे बाजी मारी कटरीना कैफ ने. कटरीना कैफ लेक्मे इंडिया फैशन वीक के दौरान बार्बी बनकर प्रस्तुत हुई और दुनिया भर की सुर्खियाँ बटोर ली. कुछ सुत्रों के अनुसार ऐश्वर्या राय ने स्वयं ही बार्बी बनने से इंकार किया था और इसकी वजह समय की कमी बताई जा रही है. इससे पहले भी ऐश्वर्या के पास बार्बी बनने का प्रस्ताव आया है लेकिन तब भी उन्होने इसे स्वीकार नही किया था. लेकिन इस बार बार्बी बनाने वाली कंपनी मेटल ने ऐश्वर्या राय की जगह कटरीना कैफ को ले लिया
Thursday, March 26, 2009
कटी पतंग को उठाना था बुरा शकुन

फिजा में डोलती बेलगाम डोर थामने वालों को आसमान की ऊंचाइयां बख्शने वाली पतंग अपने 2000 साल से ज्यादा पुराने इतिहास में अनेक मान्यताओं, अंधविश्वासों और अनूठे प्रयोगों का आधार भी रही है।
अपने पंखों पर विजय और वर्चस्व की उम्मीदों का बोझ लेकर उड़ती पतंग ने अपने अलग-अलग रूपों में दुनिया को न सिर्फ एक रोमांचक खेल का जरिया दिया बल्कि एक शौक के रूप में यह विश्व की विभिन्न सभ्यताओं और संस्कृतियों में रच-बस गई।
पतंग भारत समेत दुनिया के अनेक देशों में एक शौक का माध्यम बनने के साथ-साथ उम्मीदों, आकांक्षाओं और मान्यताओं को पंख भी देती है।
माना जाता है कि पतंग का आविष्कार ईसा पूर्व तीसरी सदी में चीन में हुआ था। दुनिया की पहली पतंग दार्शनिक मो दी ने बनाई थी। इस तरह पतंग का इतिहास करीब 2300 साल पुराना है।
पतंग का अंधविश्वासों में भी खासा अहम स्थान है। चीन में किंग राजवंश के शासन के दौरान पतंग उड़ाकर उसे लावारिस छोड़ देने को अपशकुन माना जाता था। साथ ही किसी की कटी पतंग को उठाना भी बुरे शकुन के रूप में देखा जाता था।
पतंग धार्मिक आस्थाओं के प्रदर्शन का जरिया भी रह चुकी है। थाइलैंड में हर राजा की अपनी विशेष पतंग होती थी जिसे जाड़े के मौसम में भिक्षु और पुरोहित देश में शांति और खुशहाली की आशा में उड़ाते थे।
थाइलैंड के लोग भी अपनी प्रार्थनाओं को भगवान तक पहुंचाने के लिए वर्षा ऋतु में पतंग उड़ाते थे। दुनिया के कई देशों में 27 नवंबर को फ्लाई ए काइट डे के रूप में मनाया जाता है।
यूरोप में पतंग उड़ाने का चलन नाविक मार्को पोलो के आने के बाद शुरू हुआ। मार्को पूरब की यात्रा के दौरान हासिल हुए पतंग के हुनर को यूरोप में लाया। माना जाता है कि उसके बाद यूरोप के लोगों और फिर अमेरिका के बाशिन्दों ने वैज्ञानिक और सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पतंग का इस्तेमाल किया।
ब्रिटेन के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डाक्टर नीडहम ने अपनी किताब ए हिस्ट्री आफ चाइनाज साइंस एण्ड टेक्नोलोजी में पतंग को चीन द्वारा यूरोप को दी गई एक प्रमुख वैज्ञानिक खोज बताया है। यह कहा जा सकता है कि पतंग को देखकर मन में उपजी उड़ने की लालसा ने ही इंसान को विमान की ईजाद करने की प्रेरणा दी होगी।
पतंग उड़ाने का शौक चीन, कोरिया और थाइलैंड समेत दुनिया के कई अन्य हिस्सों से होकर भारत में पहुंचा। देखते ही देखते यह शौक भारत में एक शगल बनकर यहां की संस्कृति और सभ्यता में रच-बस गया। फुरसत के लम्हों की साथी बनी पतंग को खुले आसमान में उड़ाने का शाच्क बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के सिर चढ़कर बोलने लगा।
राजस्थान में पर्यटन विभाग की ओर से हर साल तीन दिवसीय पतंगबाजी प्रतियोगिता होती है जिसमें नामी-गिरामी पतंगबाज हिस्सा लेते हैं।
राज्य पर्यटन आयुक्त कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक राज्य में हर साल मकर संक्रांति के दिन परंपरागत रूप से पतंगबाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमें सूबे के पूर्व दरबारी पतंगबाजों के परिवार के लोगों के साथ-साथ विदेशी पतंगबाज भी हिस्सा लेते हैं।
इसके अलावा दिल्ली और लखनऊ में भी पतंगबाजी के प्रति खासा आकर्षण है। दीपावली के अगले दिन जमघट के दौरान तो आसमान में पतंगों की कलाबाजियां देखते ही बनती हैं।
हालांकि आज की भागमभाग भरी जिंदगी में फुरसत के लम्हों की कमी ने पतंग को परवाज देने की ख्वाहिश के मौके काफी कम कर दिए हैं लेकिन अतीत पर निगाह डालें तो हमारे जेहन में पतंग आकांक्षाओं और उम्मीदों की हवा में तैरती जरूर नजर आएगी।
एपल ने घटाए कंप्यूटर्स के दाम
आर्थिक मंदी के कारण लोगों की खरीदारी की घटती क्षमता को देखते हुए अब एपल ने अपने लैपटॉप की कीमत घटा दी है साथ ही मैक डेस्कटॉप की कपैसिटी भी बढ़ाई है। एपल ने मंगलवार को अपने iमैक, मैक मिनी और मैक प्रो डेस्कटॉप के नए मॉडल्स उतारे। पिछले साल एपल ने मैकबुक नोटबुक की भी नई रेंज उतारी थी।नए प्रोडक्ट्स में 24 इंच का iमैक शामिल है जो एपल का फ्लैगशिप पीसी ब्रांड है। इसमें 20 इंच के iमैक पीसी से दोगुनी मेमोरी और दोगुना स्टोरेज है। लेकिन इसकी कीमत पुराने मॉडल के बराबर यानी 1,499 डॉलर यानी लगभग 75,000 रुपए है।इसके अलावा 1,199 डॉलर और 2,199 डॉलर के नए 24 इंच मॉडल्स भी मार्केट में उतारे गए हैं।एपल ने बिजनेस यूजर्स के लिए नया मैक प्रो डेस्कटॉप पीसी भी उतारा है। इनकी कीमत पिछले मॉडल से 300 डॉलर कम यानी 2,499 डॉलर रखी गई है। इसके अलावा कंपनी ने दो नए मैक मिनी डेस्कटॉप लॉन्च किए हैं इनका स्क्रीन साइज 6.5 इंच लंबा और इतना ही चौड़ा है। इनकी कीमत 599 डॉलर यानी लगभग 30,000 रुपए है।
फिलहाल राजनीति नहीं : प्रियंका
आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रचार की कमान संभालने वाली प्रियंका वाढेरा फिलहाल राजनीति में नहीं उतरना चाहती हैं। असल में चुनाव तिथियों की घोषणा के अगले ही दिन मंगलवार को प्रियंका अमेठी पहुंची। यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह करने लगे। कार्यकर्ताओं की मांग को खारिज करते हुए प्रियंका ने कहा कि वो फिलहाल सक्रिय राजनीति में नहीं आना चाहती हैं। प्रियंका ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान अमेठी व आस-पास के क्षेत्रगौरी तक सीमित रहेंगी। इस दौरान प्रियंका ने अमेठी लोकसभा क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्रों गौरीगंज, जगदीशपुर, अमेठी, तिलोई और सलोन के पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ बैठक की।इस दौरान प्रियंका ने कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने की तकनीकियों के बारे में जानकारियां दीं। प्रियंका ने कहा कि मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के ऊपर देश भर में पार्टी के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी है, इसलिए वह उनके निर्वाचन क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी में प्रचार करेंगी।
भारत को गौरान्वित किया रेसुल ने

भारतीय संगीतकार ए आर रहमान के आलावा एक और भारतीय है जिन्हें स्लमडॉग मिलिनयर के लिए ऑस्कर पुरस्कार मिला है। वह है केरल निवासी रेसुल पोकुटटी। रेसुल पोकुटटी को फिल्म स्लमडॉग मिलिनयर में श्रेष्ठ ध्वनि मिश्रण के लिए इआन टाप और रिचर्ड प्राइक के साथ आस्कर पुरस्कार मिला है। 36 वर्षीय रेसुल यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय है, पुरस्कार प्राप्त करने के अवसर पर पोकुटटी ने कहा, '' मुझे विश्वास नही हो रहा है कि मुझे यह पुरस्कार मिला है ....मैं यह पुरस्कार अपने देश को समर्पित करता हूं।'' मुम्बई में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहने वाले रेसूल को बालीवुड में संजय लीला भंसाली की फिल्म ब्लैक से ध्वनि मिश्रण करने का ब्रेक मिला था। आस्कर पुरस्कार से पहले उन्हें इसी फिल्म के लिए बॉफ्टा पुरस्कार भी मिल चुका है
उन्होंने फिल्म मुसाफिर, जिंदा, ट्रैफिक सिग्नल, गांधी माई फादर, सांवरिया, दस कहानियां और 2008 की ब्लाक बस्टर फिल्म गजिनी में ध्वनि मिश्रण का काम किया है।
बालीवुड नही छोड़ेगी असिन

बालीवुड में फिल्म गजिनी से धमाकेदार प्रवेश लेने वाली दक्षिण भारतीय अभिनेत्री असिन ने कहा है कि वे बालीवुड में अपनी एक सशक्त पहचान बनाने के लिए आई है। असिन ने इस फिल्म के लिए श्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता है। पुरस्कार पाने के अवसर पर असिन ने कहा, '' जब आप कई सारी फिल्में कर चुके हो तब इस तरह का नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार पाना थोड़ा अजीब लगता है। गजिनी मेरी पहली हिंदी फिल्म है लेकिन तमिल में बनी गजिनी के लिए भी मुझे दक्षिण का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। मुझे सिनेमा जगत पसंद है, चाहे हो बालीवुड हो या दक्षिण हो। मुझे इन पुरस्कारों का महत्व पता है। मैं बालीवुड को कभी नही छोडूगी। मुझे इसकी आदत पड़ गयी है। लेकिन साथ ही दक्षिण की फिल्मों में काम करना जारी रखूंगी।'' दक्षिण सिनेमा के बारे में असिन ने कहा, '' मुझे दक्षिण सिनेमा पसंद है। मैं हमेशा इससे जुड़ी रहूंगी। मैं पटकथा के आधार पर फिल्मो का चुनाव करूंगी। इससे कोई फर्क नही पड़ेगा कि वे बालीवुड की हो या दक्षिण की हो।''
स्लमडॉग..के अजहरूददीन की झुग्गी टूटेगी
फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के बाल कलाकार अजहरूददीन इस्माइल की झुग्गी को एक हफ्ते के अंदर तोड़ दिया जाएगा। तारपुलीन कवर से बने उसके घर में उसकी कानी मां और तपेदिक की बीमारी से पीडि़त पिता रहते है। बृहानमुम्बई नगर परिषद के अनुसार अजहरूउदीन का घर मीडिया मे आने की वजह से हमारी नजरों में आया कि उसका घर अवैध जमीन पर है। यह जमीन खेल के मैदान के लिए आवंटित की गई है। सहायक नगरपालिका आयुक्त उमाशंकर मिस्त्री ने कहा कि जहां अजहरुद्दीन का घर है वह खेल के मैदान की जमीन है। इसलिए वहां के सभी अवैध मकान ढहा दिए जाएंगे।अजहरूददीन ने कहा कि वह चाहता है कि कोई अच्छी जगह मिले जहां उसका परिवार सुकून से रह सके। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने अजहरूददीन के साथ तीन और कलाकारों को मुफ्त में फ्लैट देने की घोषणा की थी लेकिन अभी उसके बारे मे कुछ भी पता नही चल पाया है।
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