
बच्चों के जन्म के बाद की दुनिया अलग ही होती है. कहते हैं बच्चों के जन्म से दाम्पत्य जीवन की नई शुरूआत होती है.
बच्चों के जन्म के बाद दंपत्ति का जीवन उनके इर्द गिर्द ही घूमने लगता है. बच्चों के जन्म के तुरंत बाद से अभिभावकों को कुछ वर्षों तक उनकी 24 घंटें देखभाल करनी होती है. ऐसे में उनका अपना निजी जीवन प्रभावित हुए बिना नहीं रहता. सवाल यह है कि बच्चों के जन्म के बाद खुद के लिए समय कैसे निकाला जाए और कैसे दांपत्य जीवन में खुशी और रोमांच को बरकरार रखा जाए.
प्रस्तुत है पाँच ऐसे तरीके जिनकी मदद से आप बच्चों के बीच भी अपने लिए समय निकाल पाएंगे और दांपत्व जीवन के खास क्षणों का आनंद ले पाएंगे.
साथ में फिल्म देखें:
बच्चे छोटें हों तो उन्हे साथ लेकर फिल्म देखने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता. परंतु आप घर पर डीवीडी के माध्यम से तो फिल्म देख ही सकते हैं. आपका नवजात शिशु जब सो जाए तो अपने ड्राइंगरूम को सिनेमा घर बनाइए. पोपकार्न के साथ किसी नई फिल्म का मजा लीजिए और इन पलों को साथ गुजारिए. कोशिश करिए की आप हर पल का आनंद उठाएँ.
साथ में टहलने जाएँ:
यदि आपके मातापिता आपके साथ ही रहते हैं तो बच्चों के सोने के बाद आप टहलने जा सकते हैं. आपके माता पिता आपके बच्चे का ख्याल रख लेंगे. मोर्निंग वाक तो सम्भव नहीं परंतु इवनिंग वाक पर तो जाया जा ही सकता है. रात गहराते समय अपने पति के साथ टहलने निकलें और बीच रास्ते में आइसक्रीम का आनंद भी उठाया जा सकता है.
खेल खेलें:
बच्चों के साथ बच्चे बनकर खेल खेलना भी आनंददायक होता है. वैसे भी कभी कभी अपने अंदर सोए बच्चे को जगाना बुरी बात तो नहीं. तो क्यों ना ऐसा करें कि कभी कभी बच्चे बनकर अपने बच्चों के साथ खेल खेलें. इससे आपको काफी सुकून भी मिलेगा.
साथ खाना खाएँ:
यदि आप दोनों कामकाजी व्यक्ति हैं तो सप्ताह में कम से कम दो दिन साथ में खाना अवश्य खाएँ. शनिवार के दिन आप घर में ही कैंडल लाइट डिनर भी कर सकते हैं. इससे भी जीवन में कुछ बदलाव महसूस किया जा सकता है.
एकांत ढूंढे:
छोटे बच्चे अपने माता पिता के साथ ही सोते हैं. लेकिन उनके सोने के बाद आप अपने लिए एकांत के कई स्थान ढूंढ सकते हैं. आपका ड्राइंग रूम, रसोई घर, तथा कोई दूसरा कमरा आपके काम आ सकता है. बात इतनी सी है कि आप उन पलों का आनंद लें. बस इतना ध्यान अवश्य रखें कि आपकी आवाजों से बच्चे ना उठ जाएँ.
दरअसल बात इतनी सी है कि आप अपने जीवन के हर पल का आनंद उठाएँ. बच्चों के जन्म के बाद अपने आप से शिकायत करने की बजाय क्यों ना हम कोई बीच का रास्ता चुनकर आनंद उठाएँ. ऐसा हो सकता है बशर्ते आप ऐसा चाहते हों.
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