ईरान के बैसील मिलिशीया में फाँसी की सजा पाई युवती को तब तक फांसी नहीं दी जाती जब तक कि यह साबित ना हो जाए कि वह कुँआरी नहीं है.
खबर के अनुसार ईरान की जेलों में फांसी की सजा पाई कुँआरी कन्याओं के साथ पहले बलात्कार किया जाता है और फिर उन्हें फांसी दी जाती है. यह खुलासा इस मिलिशीया से जुड़े एक गार्ड ने किया. इस गार्ड ने एक अखबार को यह जानकारी दी कि जब वह 18 वर्ष का था तब एक सजा पाई लड़की के साथ उसका जबरदस्ती निकाह करवाया गया और उसने उस लड़की के साथ सहशयन किया, उसके बाद उस लड़की को फांसी दे दी गई.
ईरान के इस्लामिक कानून के अनुसार कुँआरी कन्या को फांसी नहीं दी जा सकती. इसलिए ऐसी किसी भी लड़की का पहले जबरदस्ती निकाह करवाया जाता है, जिसे वैध माना जाता है. और फिर उसे अपने कथाकथित दूल्हे के साथ सहशयन करवाया जाता है और फिर अगले दिन फांसी दी जाती है.
इस तरह से फांसी की सजा पाई युवतियों के लिए जिंदगी नर्क समान बन जाती है और उन्हें एक नहीं बल्कि कई सजाएँ मिल जाती है. उस गार्ड ने बताया कि इस अत्याचार से कई युवतियाँ मानसिक संतुलन भी खो देती हैं.
ईस्लामिक देशों में महिलाओं की स्थिति चिंताजनक है. और ईरान जैसे अपेक्षाकृत अधिक प्रगतिशील देश में ऐसे कानून का होना आश्चर्यजनक है.
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