सेक्स के संबंध में अनेकों किताबें तथा जानकारियाँ उपलब्ध हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं आपका साथी ही आपके लिए सबसे बड़ा सेक्स विशेषज्ञ हो सकता है. आप खुद एक दूसरे से काफी बातें सीख सकते हैं.
प्यार की शुरूआत:
महिलाएँ अपने पुरूष मित्र से सीख सकती हैं कि प्यार की शुरूआत कैसे की जाए. पुरूष सेक्स के प्रति महिलाओं से अधिक आग्रही होते हैं. प्यार की शुरूआत अधिकतर मामलों में पुरूष की पहल से ही होती है. महिलाएँ यहाँ यह सीख सकती हैं कि कैसे अपने साथी को सेक्स के लिए मनाया जाए.
कई मामलों में ऐसा होता है कि महिलाएँ सेक्स के प्रति उदासीन नहीं होती परंतु शुरूआत करने से हिचकती हैं, यहाँ वे अपने पुरूष साथी से सीख सकती हैं कि सही समय पर सही तरीके से कैसे सेक्स का आग्रह किया जाए.
फोरप्ले ही सबकुछ है:
प्यार की शुरूआत:
महिलाएँ अपने पुरूष मित्र से सीख सकती हैं कि प्यार की शुरूआत कैसे की जाए. पुरूष सेक्स के प्रति महिलाओं से अधिक आग्रही होते हैं. प्यार की शुरूआत अधिकतर मामलों में पुरूष की पहल से ही होती है. महिलाएँ यहाँ यह सीख सकती हैं कि कैसे अपने साथी को सेक्स के लिए मनाया जाए.
कई मामलों में ऐसा होता है कि महिलाएँ सेक्स के प्रति उदासीन नहीं होती परंतु शुरूआत करने से हिचकती हैं, यहाँ वे अपने पुरूष साथी से सीख सकती हैं कि सही समय पर सही तरीके से कैसे सेक्स का आग्रह किया जाए.
फोरप्ले ही सबकुछ है:
पुरूष अपनी महिला मित्र से सीख सकते हैं कि कैसे फोरप्ले का आनंद उठाया जाए. पुरूष नैसर्गिक रूप से सेक्स के प्रति अधिक उत्साहित होते हैं, इसलिए वे फोरप्ले का पूरा आनंद नहीं उठा पाते और इससे उनकी महिला मित्र अथवा पत्नी को भी पूर्ण संतुष्टि नहीं मिलती.
महिलाएँ फोरप्ले का अधिक आनंद उठाती हैं और उनके लिए फोरप्ले सेक्स के जितना ही आवश्यक होता है. यहाँ पुरूष अपनी महिला मित्र से सीख सकते हैं कि फोरप्ले सेक्स से पहले की कसरत नहीं बल्कि सेक्स का अभिन्न अंग है.
नए विचार:
सेक्स में विवधता ना हो तो एक समय के बाद सेक्स के प्रति रूचि कम होने लगती है. दांपत्य जीवन के लिए यह शुभ संकेत नहीं है. इसलिए सेक्स में विवधता बनाए रखनी चाहिए. यहाँ भी महिलाएँ अपने पुरूष साथी से सीख सकती हैं.
नए विचार:
सेक्स में विवधता ना हो तो एक समय के बाद सेक्स के प्रति रूचि कम होने लगती है. दांपत्य जीवन के लिए यह शुभ संकेत नहीं है. इसलिए सेक्स में विवधता बनाए रखनी चाहिए. यहाँ भी महिलाएँ अपने पुरूष साथी से सीख सकती हैं.
सेक्स में विवधता के लिए पुरूष अधिक आग्रही होते हैं और हमेशा कुछ नया करना चाह्ते हैं. महिलाएँ बदलाव तथा कुछ नया करने के प्रति उतनी उत्साहित नहीं होती. लेकिन सेक्स में बदलाव ना हो तो वह एक रोजमर्रा का काम बन जाता है. परंतु महिलाएँ अपने साथी की मदद से सेक्स के नए आयाम खोज सकती हैं.
संतोष है महत्वपूर्ण :
सेक्स पुरूष तथा महिला दोनों के लिए आवश्यक होता है और सुकून प्राप्त करना और देना प्यार के आधार स्तम्भ है. हम सब यह बात जानते हैं लेकिन पुरूष यहाँ महिलाओं से कम नम्बर पाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि पुरूष नैसर्गिक रूप से थोडे अधीर होते हैं. वे सेक्स से तुरंत आनंद प्राप्त करना चाहते हैं तथा अपनी संतुष्टि को प्राप्त करने के लिए अपनी साथी की संतुष्टि को भूल जाते हैं.
यहाँ भी पुरूष महिलाओं से सीख सकते हैं. आनंद और संतुष्टि आवश्यक है लेकिन केवल एक के लिए नहीं दोनों के लिए. आम तौर पर देखा गया है कि महिलाएँ अपने पुरूष मित्र की संतुष्टि के लिए अधिक आग्रही होती हैं बजाय स्वयं अपनी. इसलिए यदि दोनों एक दूसरे की संतुष्टि का पूरा ध्यान रखें तो सेक्स जीवन आनंदमयी हो जाता है.
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