Tuesday, September 1, 2009

70000 वर्ष पहले इंसान खत्म हो सकते थे!


सन 2008. पृथ्वी पर इंसानों की संख्या में खतरनाक स्तर तक वृद्धि हो रही है और यह वृद्धि कम होने के कोई आसार नजर नही आ रहे हैं. विज्ञान की प्रगति ने इंसानों की औसत आयु को बढा दिया है और मृत्युदर घट रहा है और जन्मदर लगातार बढ रहा है.

आज से 70000 वर्ष पहले. पृथ्वी पर मात्र 2000 इंसान बचे थे और वे तेजी से मृत्यु की ओर बढ रहे थे. इंसानों की नस्ल समाप्त होने की कगार पर थी.

एक जेनेटिक शोध के अनुसार 70000 वर्ष पर पहले दूनिया मे मात्र 2000 इंसान ही बचे थे और वे अफ़्रीका के सुदूर जंगलों मे रहते थे. भयंकर सूखे, विपरीत परिस्थितियों, हिंसक जानवरों के बढते प्रकोप और बाढ की वजह से इंसानों की नस्ल खत्म होने की कगार पर थी.

यह शोध अमरीका की स्टेनफॉर्ड विश्वविद्यालय ने की है. शोध के अनुसार इंसानों की पहली नस्ल का उद्भव अफ़्रीका के प्रदेशों मे हुआ था और फिर धीरे धीरे समग्र विश्व में उनका फैलाव हुआ था. इस शोध मे शामिल रेमबेम मेडिकल इंस्टिट्यूट के डोरोन बेहर, और आईबीएम के शेरोन रोसेट के अनुसार पत्थरयुग के शुरूआत के पहले इंसानों की बस्तियाँ छोटे छोटे समूहों मे विभाजित हो गई थी. लेकिन पत्थरयुग की शुरूआत के साथ ही इंसान एक दूसरे के सम्पर्क मे आने लगे और बडे समूह मे रहने लगे.

आज से करीब 1लाख 35 हजार साल पहले भयंकर सूखे ने इंसानों की बडी आबादी का नाश कर दिया था. और उनकी जनसंख्या काफी घट गई थी. और करीब 70000 साल पहले बहुत थोडी संख्या में ही इंसान बचे थे. लेकिन इसके बाद इंसानों के कुछ समूह अफ़्रीका के दुर्गम स्थलों से स्थानांतरित होकर दूनिया के दूसरे कोनों तक पहुँचने लगे और इससे उनका सुमूल नाश होने से बच गया.

आज दूनिया में करीब 6 अरब 60 करोड़ इंसान रहते हैं और कोई भारी विनाशलीला ही उनका खात्मा कर सकती है.

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