
वजह ऐसी नहीं है जो किसी को पता ना हो परंतु इस बार इस बात की पुष्टि की गई है कि आखिर सास और बहु में किसी चीज को लेकर टकराव होता है और क्या इस टकराव को टाला जा सकता है?
अपनी नई पुस्तक में प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. टेरी एप्टर ने लिखा है कि पत्नी अथवा गर्लफ्रेंड भले ही कितना भी चाह ले की वह अपनी सास की तरह बनेगी परंतु उनके मन में एक दुराग्रह होता ही है और वह इससे बाहर नहीं आ पाती.
एप्टर ने आगे लिखा है कि आम तौर पति सास बहु के झगड़े में मूक दर्शक बन जाते हैं जबकि उनको उनके बीच के विवाद को खत्म करने में अहम भूमिका निभानी चाहिए.
अपनी शोध के लिए एप्टर ने 200 लोगों के साक्षात्कार लिए जिनमें से 49 जोड़े थे. शोध से पता चला कि करीब दो तिहाई महिलाओं को शिकायत थी कि उनकी अपनी सास से नहीं बनती. डॉ. एप्टर के अनुसार दोनों महिलाएँ सोचती हैं कि वे एक दूसरे को जानती और समझती हैं पर वास्तविकता कुछ और ही होती है.
डॉ. एप्टर के अनुसार तनाव के अधिकतर मामलों की जड़ मात्र गलतफहमी होती है लेकिन उन गलफहमियो को दूर नहीं किया जाता और इससे तनाव बढता रहता है. दोनों महिलाओं का मूल उद्देश्य अधिपत्य हासिल करना होता है जो इंसान के जिन में है.
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