Sunday, September 13, 2009

पिल्स का नेगेटिव असर नहीं

ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के बारे में मिथ है कि इनका सेवन रोकने के बाद प्रेग्नेंसी रेट पर गलत प्रभाव पड़ता है। लेकिन इस बारे हुई स्टड

ीज का कुछ और ही मानना है। महिलाओं द्वारा ली जाने वाली कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का उनकी प्रेग्नेंसी रेट पर का कोई असर नहीं पड़ता। दरअसल, किसी भी महिला के प्रेग्नेंसी रेट का इससे कोई लेना-देना नहीं होता कि वह कितने समय तक उसने पिल्स लीं और इस दौरान कौन-से हार्मोन उसके शरीर में गए।

यह तथ्य ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स पर रिसर्च कर रही एक यूरोपीय कंपनी की एक स्टडी में उभर कर सामने आया। यह स्टडी लगभग 60,000 यूरोपीय महिलाओं पर की गई थी। गौरतलब है कि इनमें से 21 फीसदी महिलाएं पिल्स का सेवन बंद करने के एक साइकिल बाद ही प्रेग्नेंट हो गईं। इतना ही नहीं, शेष महिलाओं में तीन साइकिल्स के बाद यह रेट 45.7 तक पहुंच गया। जबकि एक साल यानी 13 साइकिल्स के बाद बची हुई कुल महिलाओं में से 79.4 महिलाएं भी प्रेग्नेंट हो गईं।

साथ ही, रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि पिल्स का सेवन रोकने के बाद हर पांच में से एक महिला, जो कि पहले बारह महीनों में कंसीव नहीं कर पाई, उनमें से 45 फीसदी महिलाओं ने दूसरे साल में कंसीव कर लिया। इस तरह से लगभग 88.3 महिलाएं सफलतापूर्वक मां बनने में कामयाब रहीं।

इसी विषय पर हुए अन्य शोधों में यह बात भी सामने आई है कि लंबे समय तक पिल्स लेने वाली महिलाओं में कम समय के लिए पिल्स लेने वाली महिलाओंकी अपेक्षा प्रेग्नेंसी रेट कम पाया जाता है। लेकिन यहां यह जानना रोचक होगा कि इसकी असली वजह पिल्स का अधिक सेवन नहीं, बल्कि उनकी बढती हुई उम्र होती है। 35 वर्ष से अधिक उम्र व स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में आमतौर पर यह दर कम ही पाई जाती है। इतना ही नहीं, कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का प्रेग्नेंसी रेट पर कोई नेगेटिव इफेक्ट नहीं होता।

No comments:

Post a Comment