Thursday, July 9, 2009

हमेशा रहिए, ओके टु किस

गर्लफ्रेंड को किस करने जा रहे हों और माउथ स्मेल की वजह से बात बिगड़ जाए, तो इससे बुरा आपके लिए कुछ नहीं होगा। अगर आप ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं, तो

'ओके टु किस किट' आपके लिए अच्छा ऑप्शन बन है :


अगर आप अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहे हैं या फिर किसी जॉब के लिए इंटरव्यू देने जा रहे हैं, तो आपको अपने मुंह से आने वाली स्मेल पर खास ध्यान देना होगा। दरअसल, ऐसे मौकों पर सांस में बदबू होने की वजह से बनती बात बिगड़ सकती है। लेकिन कई बार दिक्कत यह भी आती है कि आखिर यह पता कैसे लगाया जाए कि सांस दुर्गंध रहित है या नहीं? तेल अवीव यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने इस परेशानी को दूर करने के लिए एक छोटा-सा ब्रीद टेस्ट तैयार किया है। इससे आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपके मुंह में कहीं बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया तो नहीं हैं। अगर टेस्ट का रिजल्ट ब्लू आता है, तो इसका मतलब है कि आपको ब्रश करने की जरूरत है। और अगर ऐसा नहीं है, तो बेशक आप किस करने के लिए तैयार हैं।

बता दें कि इस 'ओके टु किस किट' डिवाइस में एक कलर इंडिकेटर और एक स्लाइवा कलेक्टर लगा हुआ है, जो सांस में बदबू होने का इंडिकेशन देता हैं। साइंटिस्ट्स का मानना है कि मुंह में महज एक ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया होने की वजह से भी आपको मुंह में बदबू की शिकायत हो सकती है जबकि तेल अवीव यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का मानना है कि ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया भी मुंह से आने वाली बदबू की वजह होते हैं। ये बैक्टीरिया ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया को मुंह में बदबू पैदा करने में मदद करते हैं, इसलिए इस 'ओके टु किस किट' डिवाइस से स्लाइवा और मुंह में इस बैक्टीरिया की भी जांच की जाती है।

गौरतलब है कि सांस में दुर्गंध का ट्रीटमेंट करने वाले रोजनबर्ग ने स्टिरियर के साथ मिलकर इस किट को डिवेलप किया है। इससे पहले रोजनबर्ग के बनाए हुए माउथ वॉश ब्रिटेन और इसराइल में बेहद हिट हो चुके हैं। इस किट का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा? इसके जवाब में रोजनबर्ग बताते हैं, 'इस किट को इस्तेमाल करने वाले को अपना थोड़ा-सा स्लाइवा 'ओके टु किस किट' डिवाइस की विंडो पर डालना होगा। उसके बाद अगर डिवाइस ब्लू सिग्नल देता है, तो उस व्यक्ति को सांस में बदबू की प्रॉब्लम है और साथ ही उसके मुंह में बैक्टीरिया भी हैं।'

रिसर्च में कहा गया है कि इस डिवाइस से सांस में बदबू के अलावा, ओरल हाइजीन, दांतों की परेशानी और मुंह की सफाई से जुड़ी तमाम दूसरी बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है।

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