Tuesday, July 14, 2009

सेक्स लेकिन नो कमिटमंट

इन दिनों युवाओं में सेक्स बडी रखने का चलन तेजी से बढ़ा है। दरअसल, इसमें पार्टनर के साथ न कोई कमिटमंट होता है और नहीं कोई इमोशनल अटैचमंट।



अब युवाओं में रिलेशनशिप को लेकर वो गंभीरता नहीं रह गई है, जो कुछ सालों पहले हुआ करती थी। पहले किसी से रिलेशनशिप बनाने का मतलब जीवनभर का साथ निभाना होता था। लेकिन इधर देखने में आ रहा है कि युवा बिना किसी कमिटमंट के किसी से भी संबंध बना लेते हैं और जब मन चाहे खत्म कर लेते हैं। अब वे यह मानने लगे हैं कि सेक्स दोनों की जरूरत है, तो इसमें कमिटमंट की क्या जरूरत है और अगर इसमें दोस्त ही साथ दे दे, तो इससे अच्छा क्या हो सकता है। यही नहीं, वह यह भी मानते हैं कि सही पार्टनर मिलने तक दोस्त के साथ मौज-मस्ती करने में कोई बुराई नहीं है।
एक दोस्त की जरूरत
आपका दोस्त आपको अच्छी तरह समझ सकता है। शहर की एक ईटरी फर्म में मैनिजर के पद पर कार्यरत प्रतीक कहते हैं, 'एक बैड बडी आपको खुश रख सकता है, क्योंकि ऐसे रिश्ते में कोई कमिटमंट नहीं होता। यह ट्रेंड बिल्कुल गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड होने जैसा ही है। दरअसल सेक्स बडी को समाज की धारणाएं सही नहीं मानतीं, मगर ऐसे में एक दोस्त से ज्यादा कौन साथ दे सकता है।'

वहीं बैंक में कार्यरत नेहा भी इसे सही मानती हैं। वह कहती हैं, 'यह काफी कनविनीयंट और हैसल फ्री रहता है। यह सिर्फ एक रात की बात नहीं होती, बल्कि यह लंबे समय तक चलने वाला रिश्ता है।' मगर आखिर इसकी शुरुआत कैसे होती है? इस बात का जवाब देते हुए बैंक में एंप्लायी अमित कहते हैं, 'मैंने यह फैसला बहुत सोच- समझकर नहीं लिया था। बस, मैं बहुत अकेला था और एक दोस्त के रूप में कोई साथी चाहता था। अब मेरे पास एक सेक्स बडी है। आज हमें पता है कि हम दोनों कहीं भी कभी भी एक दूसरे के साथ के लिए तैयार हैं।'

कंप्यूटर कोर्स के स्टूडंट ध्रुव कहते हैं, 'मेरे लिए यह अपने दोस्त को सेक्स का सुखद अनुभव देना है। हो सकता है पहले पहल यह गलत लगे, मगर बाद में आपसी दोस्ती में सब ठीक लगने लगता है।'

सोच रहती है क्लिअर
ध्रुव कहते हैं, 'इस तरह के संबंध में स्थिति बहुत क्लिअर होती है, क्योंकि इसमें दोनों को पता होता है कि उन्हें एक- दूसरे से क्या चाहिए।' वहीं आर्किटेक्ट के तौर पर काम कर रहीं मेघा कहती हैं, 'बडीज आपस में इस रिलेशन के बारे में काफी क्लिअर रहते हैं। वरना इमोशनल दिक्कतें आ सकती हैं। सेक्स बडीज तो बस एक कॉल की दूरी पर होते हैं। यह प्योर सेक्स होता है, जहां सेक्स करने के बाद भावनाओं से आपस में बंधना जरूरी नहीं होता।'

वहीं विकास भी इस रिलेशन से पूरी तरह सहमत हैं। वह कहते हैं, 'इस तरह संबंध में दोनों बडी को यह पता होता है कि उनकी जरूरतें क्या हैं। अगर आप कभी विश करना या गिफ्ट देना भूल जाते हैं, तो सामने वाले को दुख नहीं होता है।'

दोनों की मर्जी
एक कॉल सेंटर में इग्जेक्युटिव के तौर पर काम कर रहे गौरव कहते हैं, 'आजक ल की लाइफस्टाइल में यह संभव नहीं है कि लोग अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए ज्यादा समय दें। वे दिन बीत गए हैं, जब किसी को सेक्स के लिए शादी का इंतजार करना पड़ता था। इस रिश्ते में दोनों की अपनी पूरी मर्जी होती है।'

फन भी सेफ्टी भी
अकेले रह रहे लोगों में यह प्रचलन और भी ज्यादा है। विकास कहते हैं, 'मैं इस शहर में पिछले पांच सालों से अकेला रह रहा हूं और तब से रेग्युलर मेरे पास सेक्स बडीज रहे हैं। ये रिलेशंस कई बार मैंने अकेलेपन को दूर करने के लिए तो कई बार मौज- मस्ती के लिए बनाए। अपने दोस्त के साथ सेक्स करने में मैंने कभी शर्मिन्दगी महसूस नहीं की।' कुछ लोग इसे ज्यादा सेफ भी मानते हैं। प्रेरणा कहती हैं, 'एक दोस्त कभी नहीं चाहेगा कि आपको किसी तरह का कोई प्रॉब्लम आए। इसलिए दोस्तों के साथ यह संबंध बनाना ज्यादा ठीक रहता है।'

क्या गलत और क्या सही
कॉमर्स की स्टूडंट कनिका कहती हैं, 'मैं ऐसे इंसान के साथ कभी सीरियस रिलेशनशिप नहीं रखना चाहूंगी, जो सेक्स बडी रख चुका हो।' इन सब के बावजूद भी जो लोग सेक्स बडीज़ रखते हैं या इस तरह के रिश्तों को जी रहे हैं, उन्हें इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती। वे इसे अपनी अपनी पर्सनल चॉइस मानते हैं।

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