कुछ साल पहले इस तरह का डिवाइस एक महिला के ब्रेन में फिट कर दिया गया था। यह महिला सेक्स को लेकर अधिक उत्साहित नही रहती थी, मगर इस चिप के इंप्लांट के बाद उसकी सेक्स रिलेटेड इच्छाएं तेजी से बढ़ गईं। यह बात और है कि बाद में इस चिप को निकाल दिया गया, क्योंकि वह अपने इस नए रुप के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पा रही थीं।
ऑक्सफर्ड में जॉन रेडक्लिफ हॉस्पिटल के प्रोफेसर टीपू अजीज ने कहा, दरअसल यह चिप बनाने का आइडिया वैज्ञानिकों को उस समय आया जब वे डीप ब्रेन स्टिम्यूलेशन प्रोसेस की दिशा में आगे बढ़ रहे थे। इस काम के लिए वे इलेक्ट्रो रॉड्स का यूज कर रहे थे जो कि पार्किन्सन के इलाज में यूज होती है। वैज्ञानिक दिमाग के जिस हिस्से पर काम कर रहे हैं वह है orbitofrontal cortex यह एरिया सेक्स और खाने से मिलने वाले सुख का मूल आधार है। यह एरिया आंखों के बिल्कुल पीछे होता है।
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के साइकाइट्रिस्ट डिपार्टमंट के मॉर्टन क्रिंगेलबाक ने सेक्स जीवन से निराश लोगों पर सर्वे किया। यह बात सामने आई है कि दिमाग orbitofrontal cortex काम करके उन्हें काफी हद तक सेक्स के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
अजीज का कहना है कि सेक्स चिप 10 सालों के भीतर एक सचाई बन सकती है। उनका कहना है कि इस चिप की सफलता के सबूत भी हैं। उनका कहना है कि यह तकनीक वायरलेस होगी और सेल्फ पावर्ड ब्रेन चिप्स के सहारे चलेगी। (Getty) नोट: यह जानकारी Nature Reviews Neuroscience नामक जरनल में छपी है।
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