Thursday, June 18, 2009

'अस्पताल से अच्छा है वेश्यालय'

ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में अस्पतालों में हालात इतने खराब हैं कि वहां कि नर्स वेश्यालयों का रुख कर रही हैं। '

नर्स के पेशे से ज्यादा पैसा और सुरक्षा हमें वेश्यालय में मिल रही है। ' काम के बोझ और असुरक्षा से परेशान ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड की अधिकांश नर्सेज़ का कुछ यही ख्याल है।

क्वीन्सलैंड के एक अस्पताल की पूर्व नर्स ने बताया कि अस्पतालों में हालात बेहद खराब हैं। वह और उसकी तीन साथी अब वेश्यालयों में काम कर रही हैं। जेन्ना(काल्पनिक नाम) बताती हैं कि हम वहां काफी बेहतर हालात में हैं। न तो हमारे पास काम का इतना बोझ है और ना ही पैसे की कोई कमी।

वह बताती हैं कि इससे पहले वह जिस अस्पताल में काम करती थीं , वहां के हालात काफी खराब थे। स्टाफ की भारी कमी थी। हमें सैलरी भी बहुत कम मिलती थी। तंग आकर मैंने इस पेशे को छोड़ दिया। जेन्ना बताती हैं कि उन्होंने अपने इस नए पेशे को अपने परिवार से छिपाकर रखा है।

वह बताती हैं , ' मैं घर से अपनी नर्स की यूनिफॉर्म और आईडी कार्ड के साथ निकलती हूं और वहां जाकर कपड़े बदल देती हूं। ' उधर , इस बारे में हेल्थ मिनिस्टर स्टीफन रॉबर्टसन कहते हैं कि नर्सों का इस तरह थे वेश्यालय का रुख करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

200 ऑनलाइन दोस्तों के साथ हुई हमबिस्तर

पसंद है पॉर्न
केट हडसन ने स्वीकार किया है कि उन्हें हार्डकोर पॉर्न देखना काफी अच्छा लगता है। गौरतलब है कि केट का उन

केट हडसन को पसंद है हार्डकोर पॉर्न।

के पति रॉकर क्रिस रॉबिनसन से तलाक हो चुका है। एक अखबार से हुई बातचीत में अपने खास अंदाज में केट ने कहा है कि अब वह अपनी रातें अक्सर ही एक्स रेटेड फिल्मों के साथ बिताती हैं।


सेक्स के लिए दोस्ती
ब्रिटेन में एक महिला 200 ऑनलाइन दोस्तों के साथ हमबिस्तर हो चुकी है। लुईस ग्रांट अंजान लोगों से दोस्ती करने और सेक्स संबंध बनाने के लिए वेब सर्फिन्ग करती है। 25 वर्षीय इस महिला ने 200 ऑनलाइन दोस्तों से शारीरिक संबंध बनाए हैं।

अगर है परफेक्ट पार्टनर की तलाश

कहा जाता है, फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन। शायद यही कारण है कि लड़के खूबसूरत लड़कियों पर अपना पहला इंप्रेशन अच्छा बनाने के लिए तमाम जतन क

रते हैं। वहीं लड़कियां भी आसानी से अपनी फीलिंग्स का इजहार नहीं कर पातीं। फिर डेट पर जाने के तौर-तरीके भी उन्हें मालूम नहीं होते। आइए, हम आपकी मुश्किल थोड़ी आसान कर देते हैं :

कमजोरियों को स्ट्रॉन्ग पॉइंट बनाएं

क्या आपको अपना बॉडी स्ट्रक्चर और हेयर स्टाइल देखकर कुछ अजीब-सा लगता है? फिर भले ही इस तरह आप भीड़ में अलग नजर आते हैं? वैसे, अगर आप में थोड़ा कॉन्फिडंस हो, तो आपको फैशन का लेटेस्ट ट्रेंड फॉलो करने की खास जरूरत नहीं है। आप बॉडी शेप और साइज के हिसाब से खुद को कैरी करें। इतना करने से ही आप क्लासिक लुक पा सकती हैं। इस मामले में सोनम कपूर से इंस्पिरेशन लें। जब शॉर्ट हेयर स्टाइल और कलर्ड बाल फैशन बन चुके हैं, तो सोनम ने काले, घने, चमकदार और कमर तक झूलते बालों को भी स्टाइल स्टेटमंट में शामिल करवा कर ही दम लिया।

कॉम्पिटिशन की जरूरत नहीं

माना कि हाई एजुकेटेड हैं और करंट अफेयर्स की अच्छी नॉलिज रखती हैं, लेकिन बोलना आपको आपको तभी चाहिए, जब वाकई कुछ कहने की जरूरत हो। ध्यान रखें कि दो लोगों की बातचीत में गैरजरूरी दखल देने की जरूरत नहीं है। हां, अगर आप चाहते हैं कि सभी आपको नेगेटिव सेंस में ऑलराउंडर कहें, तो बात अलग है। माना कि आप इंडिपेंडेंट महिला हैं, लेकिन दूसरों को भी तो अपने बारे में अंदाजा लगाने का थोड़ा मौका दें। अगर अपने बारे में आप खुद ही सब उगल देंगी, तो कुछ भी सस्पेंस बाकी नहीं रहेगा।

सॉफ्ट स्पीक

अगर आप सॉफ्ट लहजे में बात करती हैं, तो आपकी बात हर कोई सुनेगा। बात को चिल्लाकर कहने का कोई तुक नहीं है। अगर आप धीरे से किसी व्यक्ति को कोई बात बताती हैं, तो इससे आपसी आकर्षण बढ़ता है। जबकि ऊंची आवाज में बात करने से लोग दूसरी डाइरेक्शन में भागेंगे। चूंकि आपके धीरे बोलने पर उसे आपके करीब आना होगा, इसलिए फ्रेश फील के लिए आप मिंट मुंह में डालें और अट्रैक्टिव लिपस्टिक लगाएं।

अरेंज्ड डेट्स

हो सकता है कि किसी थर्ड पर्सन की ओर से अरेंज्ड की हुई डेट पर जाने में आपको बुरा लगे, लेकिन इस तरह की डेट पर भी मनपसंद साथी की आपकी तलाश पूरी हो सकती है। हालांकि अगर कोई व्यक्ति पहली आउटिंग में ही आपसे चीप व्यवहार करता है, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि दूसरी मुद्दों पर भी आपका उससे टकराव हो सकता है।

हां कहने से पहले सोचें

कई महिलाओं की शिकायत होती है कि कैजुअल डेट्स अक्सर बेड पर खत्म होती हैं। अगर आप किसी के साथ रिलेशनशिप में हैं, तो भी डेट पर अपने बिहेवियर में आपको काफी संयम बरतना होगा। अच्छा होगा कि आप पहले ही तय कर लें कि मैं एक सीमा से आगे कतई नहीं जाऊंगी। कभी भी डेट पर जाने के लिए एकाएक तैयार ना हों और किसी के साथ किसी भी तरह का कोई वादा न करें। कोई डेट पर जाने का प्रपोजल दे, तो सोचने के लिए उससे कुछ टाइम जरूर मांगें।

सुनिए ज्यादा, बोलिए कम

उसे अहसास करवाएं कि आप उसकी बातों में दिलचस्पी रखती हैं। डेट पर पुरुषों को सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बनना अच्छा लगता है, इसलिए उन्हें ही बोलने का ज्यादा से ज्यादा मौका दीजिए। अगर आप कम बोलेंगी, तो आपकी पर्सनैलिटी उसके लिए एक मिस्ट्री बनी रहेगी। आप किसी से लंबा रिलेशन बनाने में यकीन रखती हैं, तो आपको सभी बातें एक साथ न खोलकर उससे धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ानी चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी कन्वर्सेशन स्किल्स से अपने साथी को परिचित न कराएं। लेकिन तभी, जब वह आपसे कुछ पूछे।

शो द स्ट्रेंथ

जब वह दूसरों के साथ भी डेट पर जाने की बात कहे, तो उसे भी दिखाएं कि आप किसी से कम नहीं है। हैरान-परेशान होने की बजाय आप भी दूसरे लोगों के साथ डेट पर जाएं और उसे इस बात का अहसास भी करवाएं कि आप बेहद एंजॉय कर रही हैं। इससे उसे यह पता चलेगा कि वह क्या मिस कर रहा है। जब प्रिंस विलियम और केट मिडलटन के बीच ब्रेकअप हुआ था तो केट घर बैठकर प्रिंस विलियम को ब्लैंक कॉल करने की जगह बाहर घूमने के लिए निकल गईं और काफी अच्छा समय गुजारा। केट की जिंदादिली देखकर विलियम को उनके पास लौटना ही पड़ा और अब उनका रिलेशन पहले से भी ज्यादा मजबूत है।

चार्म द पैरंट्स

किसी भी पुरुष का दिल जीतने के लिए आपको उन लोगों को भी अट्रैक्ट करना होगा, जो उसकी जिंदगी में खास अहमियत रखते हैं। नवाब पटौदी के घर में जगह बनाने से पहले करीना ने सैफ के बच्चों के साथ दोस्ती बढ़ाई। करीना को यह अच्छी तरह पता था कि बच्चों के साथ उनका रिश्ता सैफ और उनके रिलेशन पर खासा असर डालेगा। करीना की किस्मत अच्छी थी कि उन्होंने जल्दी ही शर्मिला टैगोर का भी दिल जीत लिया। अगर आपका भी मकसद सगाई की अंगूठी पहनना है, तो आपको उन लोगों के दिल में जगह बनानी ही पड़ेगी, जो आपके पार्टनर के काफी करीब है।

चाहिए मेट्रोसेक्सुअल मैन!

माचो लुक रखने के साथ महिलाओं को लेकर संवेदनशील पुरुष शायद हमेशा से उनकी पसंद रहे हैं। हाल ही में एक सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आन


े से यह मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है।

बेहद तेजी से बदलती इस दुनिया में लोग भी उतनी ही तेजी से बदल रहे हैं। हालांकि इस सबके बीच एक बड़ा सवाल यह है कि इस बदलाव के बीच पुरुष खुद को कितना बदलने के लिए तैयार हैं। क्या वे खुद को मेट्रोसेक्सुअल से नियोसेक्सुअल में बदलने को तैयार हैं? हाल ही में एक कॉस्मेटिक कंपनी के सर्वे में यह बात सामने आई है कि 81 पर्सेंट महिलाओं को ऐसे पुरुष पसंद होते हैं, जो माचो तो हो, लेकिन कॉपरेटिव और उन्हें लेकर संवेदनशील भी हों।

इस सर्वे से जुड़े बर्नाड सॉल्ट कहते हैं, 'उन्हें एक ही पुरुष में जेम्स बांड जैसा स्टाइल, ह्यूज जैकमैन जैसा लुक, जिम कैरी जैसा ह्यूमर और जैक एफरन जैसी जवानी चाहिए।'

इसका मतलब मेट्रोसेक्सुअल पुरुष को खुद को नियोसेक्सुअल अवतार में बदलने की तैयारी करनी चाहिए? वीजे निखिल कहते हैं, 'मुझे खुद को अलग-अलग नामों से बुलवाना पसंद करने वाले जेंटलमैंस की लीग में शामिल होने का कोई शौक नहीं है। साथ ही मैं मेट्रोसेक्सुअल भी नहीं कहलाना चाहता। कोई चाहे कुछ भी कह लें, लेकिन मेट्रोसेक्सुअल ना कहे।' क्या नियोसेक्सुअल नई बोतल में पुरानी शराब है? इस पर निखिल बताते हैं, 'मेरे ख्याल में यह मामला हाइप करना कुछ ऐसे लोगों का काम है, जिनके पास कोई काम नहीं है।'

टीवी एक्टर अमर उपाध्याय भी निखिल की बात से सहमत हैं। वह कहते हैं, 'मैंने इन तथाकथित मेट्रोसेक्सुअल्स के बारे में पढ़ा है, लेकिन आज तक मुझे कोई ऐसा इंसान देखने को नहीं मिला, जो उसकी परिभाषा पर खरा उतरता हो। मुझे लगता है कि मेट्रासेक्सुअल और नियोसेक्सुअल जैसे टर्म कुछ लोगों ने स्टाइल मारने के लिए बना लिए हैं, लेकिन रियल लाइफ में ऐसा बनना बेहद मुश्किल है।'

क्या भारतीय महिलाओं को मेट्रोसेक्सुअल पुरुषों में अपने लिए बेहतर पार्टनर नजर आते हैं? एक्टर जलक ठक्कर कहते हैं, 'आजकल पुरुष और महिलाएं काफी प्रैक्टिकल हो गए हैं। पुरुष अब यह समझने लगे हैं कि महिलाओं की भी अपनी एक दुनिया और प्रायरिटीज हैं। इसलिए वे इसमें उनकी हेल्प करने को तैयार हैं।' हालांकि अमर का मानना है कि महिलाओं के प्रति संवेदनशील होना एक नेचरल प्रोसेस है। आप इसमें कोई दिखावा नहीं कर सकते। अमर कहते हैं, 'पुरुषों को हमेशा नेचरल रहना चाहिए। मेरा मानना है कि वे हमेशा संवेदनशील होते हैं। लेकिन कई बार उन्हें समाज के नियम-कानूनों के आगे झुकना पड़ता है। मुझे पंसारी की दुकान से सामान खरीदना पसंद है, जबकि मेरे पिताजी को खाना बनाना बेहद पसंद था।'

हालांकि पीआर प्रफेशनल मीनाक्षी सरकार को तथाकथित 'मैन' में कोई चेंज नजर नहीं आता। वह कहती हैं, 'आजकल फाइनैंशल इंडिपेंडेंस की वजह महिलाएं अपने पति को बॉस की तरह नहीं समझतीं। अगर आप इस चीज को खत्म कर दें, तो पुराने वाले रूप में लौट आएंगे।'

हालांकि एजुकेशनिस्ट मंजुला पूजा श्रॉफ की सोच थोड़ा अलग है। वह मानती हैं, 'सोसायटी के कुछ हिस्सों में पुरुष हमेशा से मेट्रोसेक्सुअल रहे हैं, लेकिन उन पर किसी का ध्यान नहीं जाता। लोअर इनकम ग्रुप से संबंध रखने वाले पुरुष हमेशा से घर के कामों और बच्चे पालने में वाइफ की मदद करते हैं। जबकि अर्बन क्लास में यह ट्रेंड पिछले कुछ वक्त से देखने को मिल रहा है।'

बहरहाल, लगता है कि सोसायटी में कुछ भी चेंज नहीं हो रहा, सिवाय इसके कि इंग्लिश लैंग्वेज कोकुछ नए शब्द मिल गए हैं!

फुटबॉल और सेक्स

लंदन : ये दुनिया में सबसे ज़्यादा देखे और पसंद किए जाने वाले खेल फुटबॉल के दीवानों को और दीवाना बना देने वाली

फुटबॉल में आनंद ज्यादा है या सेक्स में?

ख़बर है। कहते हैं कि औरतों को जलन होती है कि कई पुरुष सेक्स की बजाय सॉकर को पसंद करते हैं। एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक किसी भी सॉकर फैन के लिए अपनी घरेलू टीम को फुटबॉल मैच में गोल करते देखना बिल्कुल सेक्स जैसा एहसास जगाता है।

इस बेहद मजेदार नतीजे पर पहुंचने वाले रिसर्चर बताते हैं कि जब कोई फुटबॉल फैन अपनी होम टीम को गोल करते हुए देखता है, तो दिमाग के अगले हिस्से यानी सिंगुलेट कॉर्टेक्स में जोरदार हलचल होती है। विज्ञानी बताते हैं कि आनंद के चरम या सेक्स के दौरान भी दिमाग के इसी हिस्से में सबसे ज़्यादा हलचल होती है।

ग्लास्गो के सदर्न जनरल हॉस्पिटल के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल साइंस के प्रमुख रिसर्चर जॉन मैकलीन इस नतीजे से इत्तफाक रखते हैं। रिपोर्ट के नतीजे की तस्दीक करते हुए उन्होंने कहा कि रिसर्च के दौरान हमारा मुख्य मकसद इस बात का पता लगाना था कि क्या सेक्स के दौरान पैदा होने वाले एहसास क्या फुटबॉल जैसे बेहद रोमांचक खेल में अपनी टीम को गोल करते हुए देखने के एहसास के आस-पास ठहरता है या नहीं। मैकलीन कहते हैं कि रिसर्च के बाद हम कह सकते हैं कि दोनों क्रियाओं के समय इंसानी दिमाग में होने वाली हलचल तकरीबन एक जैसी है। यही वजह है कि हमारे एहसास भी कमोबेश एक-जैसे हैं।


Photo - April







Her flirty eyes and oomphy attitude do the talking.(Pic: Malibustrings)
12 Feb, 2009

पानी की लहरों पर तैरता करिअर

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए समुदी मार्ग से आदान-प्रदान में मर्चेंट नेवी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो कार्गो को

जहाज से एक देश से दूसरे देश में ले जाने का काम करती है। समुदी जहाजों से माल के आयात-निर्यात के लिए जहाज के विभिन्न विभागों में प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होती है, जिसे मर्चेंट नेवी पूरा करती है।

मर्चेंट नेवी में कई तरह के जॉब होते हैं, जैसे टेक्निकल डिपार्टमेंट में मैरीन इंजीनियर, डेक डिपार्टमेंट में डेक ऑफिसर, कैप्टन और सविर्स डिपार्टमेंट में कैटरिंग ऑफिसर इत्यादि। प्रदेश में यूपी टेक्निकल यूनिवसिर्टी से जुड़ा सिर्फ एक कॉलेज है, जो मरीन इंजीनियरिंग का कोर्स कराता है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित इंटरनैशनल मैरीटाइम इंस्टिट्यूट में फर्स्ट ईयर में एडमिशन के लिए कुल 40 सीटें हैं, इनमें से 31 सीटें यूपीटीयू के काउंसलिंग द्वारा भरी जाएगी, जबकि मैनेजमेंट कोटे की 9 सीटों के लिए कॉलेज 15 जून को लिखित टेस्ट लेगा।

कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडंट्स का हॉस्टल में रहना अनिवार्य है। हॉस्टल कैंपस में ही बनाया गया है। शिप की सभी टेक्निकल जानकारी के लिए कैंपस में एक शिप भी बनाया गया है। ट्रेनिंग के बेहतर माहौल और यूपी का इकलौता कॉलेज होने के कारण छठा सेमेस्टर पूरा होने से पहले ही बड़ी-बड़ी शिपिंग कंपनियां कॉलेज के कैंपस में मंडराने लगती हैं।

मरीन इंजीनियर का काम

जहाज में लाखों कलपुर्जे होते हैं, उसमें खराबी आ जाए तो उसे सही करना और उसका रखरखाव करना मैरीन इंजीनियर का मुख्य काम होता है। मरीन इंजीनियर का कोर्स पूरा करने के बाद पहली पोस्टिंग जूनियर इंजीनियर के रूप में होती है। जूनियर इंजीनियर के बाद 1 साल तक फोर्थ इंजीनियर के रूप में काम करना होता है। इसके बाद प्रमोशन थर्ड इंजीनियर के रूप में होती है। फिर 4-5 साल तक सेकंड इंजीनियर के रूप में जहाज पर गुजारने के बाद आप चीफ इंजीनियर बन सकते हैं। चीफ इंजीनियर का मुख्य काम सुपरवाइज करना होता है।

कोर्स और योग्यता

12 वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में 60 पर्सेंट नंबर से पास होने वाले स्टूडंट्स मरीन इंजीनियरिंग के लिए कॉलेज में 15 जून को आयोजित होने वाले एंट्रेंस टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं। अंकों का यह प्रतिशत यूपीटीयू के काउंसलिंग से आने वाले स्टूडंट्स के लिए भी अनिवार्य है।

जॉब

मर्चेंट नेवी का कोर्स करने के बाद सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में शिपिंग कंपनियों द्वारा जॉब दी जाती है। विभिन्न विदेशी कंपनियां भी अच्छे जॉब के अवसर प्रदान करती हैं। इस जॉब में अच्छी सैलरी के साथ ही बाहर जाने का भरपूर मौका मिलता है।

सैलरी

मरीन इंजीनियरों को वेतनमान उनके पदों के अनुसार मिलता है। यह 3 लाख से 60 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक होता है। विदेशी शिपिंग कंपनी में तो सैलरी और भी ज्यादा होती है।

विदेशों में अवसर

भारतीय लोगों की विदेशों में बहुत ज्यादा मांग है क्योंकि यह वहां यह आमधारणा है कि वे हार्ड वर्किंग और ईमानदार होते हैं। आप विदेश में पोर्ट पर किसी शिपिंग कंपनी का ऑफिशल वर्क भी कर सकते हैं। कैप्टन बनने के बाद आपके लिंक काफी अच्छे बन जाते हैं, जिससे आप अपना बिजनेस भी कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित इंटरनैशनल मरीटाइम इंस्टिट्यूट के अलावा कुछ अन्य इंस्टिट्यूट भी हैं, जिससे मरीन इंजीनियरिंग का कोर्स किया जा सकता है।

- नैशनल ट्रेनिंगशिप, चाणक्य, मुंबई

- मरीन इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट, कोलकाता

- इंस्टिटयूट ऑफ मरीटाइम स्टडी, गोवा

- अकैडमी ऑफ मरीटाइम एजुकेशन, चेन्नई

- इंटरनैशनल मरीटाइम इंस्टिट्यूट, पुणे

- बेल्स कॉलेज ऑफ मरीटाइम स्टडीज, चेन्नई

फिजिकल एजुकेशन में करिअर फिट

दादरी। अगर आपकी स्पोर्ट्स में दिलचस्पी है, तो यह आपके लिए बेहतरीन करिअर भी हो सकता है। बारहवीं के बाद फिजिकल एजुकेशन लेकर आप के पास

करिअर के कई ऑप्शन खुल जाते हैं। खिलाड़ी से लेकर टीचर भी बन सकते हैं। लोगों में सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता की वजह से बॉडी फिटनेस का बिजनेस शुरू कर सकते हैं या फिटनेस ट्रेनर भी बन सकते हैं।

बारहवीं के बाद ज्यादातर स्टूडंट्स टेक्निकल और प्रफेशनल कोर्स की तरफ भागते हैं, लेकिन फिजिकल एजुकेशन भी आज एक हिट करियर है। कई बडे़ खिलाड़ी छोटे शहरों से ही आए हैं, जिनमें सुशील कुमार, अल्का तोमर और अंजू चौधरी आदि कुछ ऐसे ही उदाहरण हैं। दादरी स्थित नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन में बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन में 3 साल का डिग्री कोर्स कराया जाता है। फर्स्ट सेमेस्टर के एडमिशन के लिए कॉलेज में 120 सीटें तय हैं। बारहवीं में 40 पर्सेंट अंकों के साथ पास करने वाले स्टूडंट्स इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। यहां छात्र के मनपसंद खेल में उसकी प्रतिभा को निखारा जाता है। छात्रों को इंटरनैशनल लेवल तक की प्रतियोगिताओं में भेजा जाता है। इस कॉलेज में बॉयज और गर्ल्स के लिए हॉस्टल की सुविधा भी है। प्लेसमेंट के मामले में भी कॉलेज बेहतर है। एनसीपीई के डायरेक्टर सुशील राजपूत का कहना है कि कॉलेज से इंटरनैशनल लेवल तक खिलाडि़यों को भेजा गया है। इनमें से कई स्टूडंट्स ने देश का नाम रोशन किया है।

जॉब्स का बढ़ता दायरा

देश में स्पोर्ट्स का क्रेज बढ़ने के बाद अब सरकार भी इस और काफी ध्यान दे रही है। इसी का नतीजा है कि अब प्राइवेट स्कूलों के अलावा सरकारी स्कूलों में भी स्पोर्ट्स टीचर रखे जा रहे है। साथ ही हर कॉलेज में भी स्पोर्ट्स टीचर बहाल किए जा रहे हैं। सुशील कुमार और बिजेंद्र कई ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होंने खूब नाम कमाया है। इसके अलावा बॉडी फिटनेस के लिए जिम और ट्रेनिंग सेंटर का बिजनेस भी कर सकते हैं।

लड़कियों के लिए भी कई ऑप्शन

हैदराबाद की सानिया मिर्जा की तरह आज देश में कई प्रतिभावान गर्ल्स खिलाड़ी इस फील्ड में नाम रोशन कर रही हैं। इसमें रेसलिंग में अलका तोमर, प्रियंका, ज्योति और अंजू चौधरी भी इंटरनैशनल प्लेयर बन चुकी हैं।

कहां से कर सकते हैं कोर्स

- नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन, दादरी

- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा

BBA के स्पेशलाइज्ड कोर्स डिमांड में

बीबीए में कई स्पेशलाइज्ड कोर्स हैं, जिन्हें करने के बाद स्टूडंट्स अपना करियर संवार सकते हैं। जिले के कई कॉलेजों में बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के साथ ही स्पेशलाइज्ड कोर्स करवाए जाते हैं। इन कोर्सस की मार्किट में भी काफी डिमांड है। यही नहीं, कॉलेजों से भी इनमें अच्छी प्लेसमेंट होती है। यही वजह है कि इन कोर्सस में स्टूडंट्स की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है।

डीएवी शताब्दी कॉलेज के बीबीए कोऑडिर्नेटर बताते हैं कि बीबीए में कंप्यूटर, हॉस्पिटैलिटी मैनेजमंट, इंडस्ट्री इन इंटिग्रेटेड, कंप्यूटर एडेड मैनेजमंट (कैम) जैसे कोर्स होते हैं। इन्हें करने के बाद मल्टिनैशनल कंपनियों में नौकरी मिलने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। उनके अनुसार इन कोर्सस में एडमिशन के लिए इस साल कॉलेजों में कट ऑफ हाई जाने की संभावना है।

किस कॉलेज में क्या कोर्स
डीएवी शताब्दी कॉलेज में बीबीए जनरल के साथ बीबीए कंप्यूटर एडेड मैनेजमंट का कोर्स भी करवाया जाता है। यहां बीबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमंट का कोर्स भी उपलब्ध है। दूसरी तरफ, अग्रवाल कॉलेज में बीबीए जनरल के साथ बीबीए कंप्यूटर एडेड मैनेजमंट बीबीए इंडस्ट्री इन इंटरग्रेटेड और बीबीए होटल मैनेजमंट का कोर्स मौजूद है, जबकि डीएवी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमंट में बीबीए जनरल, बीबीए कैम, बीबीए इंडस्ट्री इन इंटिग्रेटेड, बीबीए होटल मैनेजमंट का कोर्स करवाया जाता है।

सबसे महंगा पर सबसे अच्छा कोर्स

डीयू में 1997 में शुरू हुआ बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस कोर्स कई मंजिलें तय करते हुए अब प्लेसमेंट

के हिसाब से टॉप कोर्सेज में से एक बन गया है। प्रिंसिपल का मानना है कि इस कोर्स को करने के बाद प्लेसमेंट के पूरे-पूरे चांस होते हैं और स्टूडेंट्स की अच्छी कंपनी में जॉब लग जाती है।

खास बात यह है कि ग्रैजुएशन लेवल पर डीयू का यह कोर्स सबसे महंगा कोर्स है। जहां दूसरे ग्रैजुएशन कोर्सेज की सालाना फीस 10 हजार रुपये तक है, वहीं इस कोर्स के लिए 20-25 हजार रुपये तक स्टूडेंट्स को फीस देनी पड़ती है। 15 कॉलेजों में चलने वाले इस कोर्स की कट ऑफ भी हाई ही रहती है। हर कॉलेज में इस कोर्स की सीटें 40 के आसपास हैं।

दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में इस कंप्यूटर साइंस ऑनर्स कोर्स की फीस 21280 रुपये है, जो सभी दूसरे कोर्सेज से डबल है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुरेश कुमार गर्ग ने बताया कि उनके कॉलेज में पिछली बार 30 स्टूडेंट्स ने यह कोर्स किया था और 26 की प्लेसमेंट हो गई। इस कोर्स की हिस्ट्री बताते हुए डॉ. गर्ग ने कहा कि 12 साल पहले बीसीए और बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस के कोर्स शुरू किए गए थे लेकिन दो साल बाद इन्हें बीआईटी और बीआईएस कोर्सेज में तब्दील कर दिया गया और कोर्स की अवधि तीन साल से बढ़ाकर चार साल कर दी गई। लेकिन दो साल बाद ही फिर से इन दोनों कोर्सेज के स्थान पर बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस का तीन साल का कोर्स शुरू कर दिया गया।

खास बात यह थी कि बीआईटी और बीआईएस कोर्सेज की इतनी ज्यादा डिमांड बढ़ गई थी कि कुछ सीटों के लिए हजारों स्टूडेंट्स लाइन में थे। लेकिन इन दोनों कोर्सेज को बंद करने से स्टूडेंट्स में काफी निराशा हुई। हालांकि कंप्यूटर साइंस ऑनर्स अब एक बार फिर से अपनी जगह बना चुका है। हंसराज कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस. आर. अरोड़ा के मुताबिक उनके कॉलेज में कंप्यूटर साइंस ऑनर्स कोर्स की 100 पर्सेंट प्लेसमेंट है। उनके मुताबिक इस कोर्स की डिमांड सबसे अधिक होती जा रही है। हंसराज कॉलेज में इस कोर्स की फीस 20 हजार से ज्यादा है।

कट ऑफ की बात करें तो हंसराज कॉलेज में 88.5 या इससे अधिक पर्सेंट वालों को ही इस कोर्स में दाखिला मिल पाया था। गार्गी कॉलेज में 88.5, एआरएसडी कॉलेज में 83, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंसेज में 84.33, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में 81, केशव महाविद्यालय में 85.5, एसपीएम कॉलेज में 80 पर्सेंट वालों को ही इस कोर्स में एडमिशन मिला था।

इस कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम लागू है और कंप्यूटर साइंस के सबसे अधिक पेपर होते हैं। सिस्टम सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर ग्राफिक्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, कंप्यूटर सिस्टम आर्किटेक्चर, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, सिस्टम सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर नेटवर्क, इकनॉमिक्स, डाटाबेस सिस्टम, मल्टीमीडिया ऐप्लीकेशन, डाटा स्ट्रक्चर, केलकुल्स, प्रोग्रामिंग फंडामेंटल जैसे इनपुट इस कोर्स का हिस्सा हैं। हंसराज कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि कई स्टूडेंट्स इस कोर्स को करने के बाद प्लेसमेंट ठुकरा भी देते हैं क्योंकि वे कंप्यूटर साइंस में आगे की पढ़ाई करते हैं और अपनी स्किल्स को और बेहतर करते हैं।

Monday, June 15, 2009

नीलाम हुआ न्यूड फोटो

नीलाम हुआ न्यूड फोटो फ्रांस के प्रेजिडंट निकोला सार्कोजी की पत्नी कार्ला ब्रूनी का बहुचर्चित न्यूड फोटो नीलाम हो गया है। बर्लिन ऑक्शन हाउस में हुई नीलामी में मेक्सिको के एक अनाम बिडर ने इसे 19600 डॉलर (करीब सवा नौ लाख रुपये) में खरीदा। यह तस्वीर अमेरिकन फोटॉग्रफर पामेला हैंसन द्वारा 1994 में खींचे गए ब्रूनी के न्यूड फोटोज़ में से एक है।

सेक्सिएस्ट बॉडी

सेक्सिएस्ट बॉडी सेक्सिएस्ट बॉडी के सर्वे में केली ब्रुक ने हॉलिवुड की ब्यूटी मेगन फॉक्स को पछाड़ कर पहला स्थान पा लिया। केली अपनी छरहरी और सेक्सी बॉडी के लिए जानी जाती हैं।


पुरुषों की पसंद एक ब्रिटिश मैगज़ीन मोर द्वारा किए गए सर्वे में उन्हें 1500 से अधिक पुरुषों ने वोट देकर पहला स्थान दिया।


मेगन नंबर 2 हॉलिवुड ब्यूटी मेगन फॉक्स को इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर ही संतोष करना पड़ा।


ऐंजिलिना नंबर 3 इस सर्वे में ऐंजिलिना जोली, चेरी कोल और कैटी पेरी क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर रहीं।


सेक्सी ब्रेस्ट में टॉप केली ब्रुक को सबसे बड़े और सेक्सी ब्रेस्ट में भी पहला नंबर दिया गया। सेक्सी ब्रेस्ट में यह लिस्ट ब्रुक के बाद इस तरह रही- हॉली विलोगबी, चेरिल कोल, जेसिका सिंपसन और लिली एलेन।


सबसे खराब किसका बात यहीं खत्म नहीं हुई, सबसे खराब फिगर की सुंदरियों का भी चयन किया गया। इसमें पूर्व स्पाइस गर्ल और फुटबॉल स्टार डेविड बेकहम की पत्नी विक्टोरिया पहले नंबर पर रहीं। यानी उनकी फिगर सबसे खराब है।


केट का फिगर भी खराब विक्टोरिया के बाद इस लिस्ट में हैं-केट विंसलेट, लिली एलेन, पिअर्न कॉटन और कोलेन रूनी


कर्व फिगर फेवरिट इस सर्वे के आधार पर यह बात लिखी गई है कि अब ब्रिटिश पुरुष कर्व फिगर वाली महिलाओं को पसंद करने लगे हैं। कभी विक्टोरिया के लालीपॉप फिगर पर फिदा होने वालों के दिन अब लद गए।

पंचों का 'न्याय' : बेटे के प्यार की सजा बेटी से गैंगरेप

लखनऊ ।। उसका कोई कसूर नहीं था। फिर भी पूरे चार महीने तक उसके साथ सामूहिक बलात्कार होता रहा। भाई की करतूत

की कीमत परिजनों ने 11 साल की कमला (बदला हुआ नाम) को गिरवी रखकर चुकाई। करते भी क्या, पंचायत का फैसला जो था। कमला के पिता ने हर जगह गुहार लगाई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। पुलिस ने उसे यह कहकर टरका दिया कि लोकसभा चुनाव के बाद रिपोर्ट लिखेंगे।

अयोध्या-फैजाबाद की रहने वाली कमला के भाई की नजरें गांव में अपनी बिरादरी की एक लड़की से लड़ गईं। दोनों परिवार घुमंतू जाति के हैं। कुछ दिन बाद कमला का भाई उस लड़की के साथ गायब हो गया। मोहम्मदपुर गांव में घुमंतू परिवार की पंचायत बैठी। फैसला हुआ कि कमला का पिता 50 हजार रुपए गायब हुई लड़की के पिता को देगा। इसके अलावा 5000 रुपए पंचायत खर्च देने को कहा गया। यह वाकया होली के आसपास का है। पैसा चुकाने के लिए एक महीने का वक्त दिया गया। होली के बाद कमला का भाई और वह लड़की दोनों लौट आए लेकिन, पंचायत का फैसला कायम रहा

कमला के पिता ने पैसा जुटाने की भरसक कोशिशें कीं, लेकिन नाकाम रहा। इस पर पंचायत ने कमला को गिरवी रखने का फरमान सुनाया। मरता क्या न करता! मजबूर पिता ने 11 साल की कमला को गिरवी रख दिया। अपनी बेटी को छुड़ाने के लिए वह फैजाबाद जिले के थाना खंडासा गया। लेकिन, पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया कि अभी लोकसभा चुनाव के कारण ज्यादा बिजी हैं, बाद में आना। तभी रिपोर्ट लिखेंगे। इस पर उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के दखल के बाद फैजाबाद जिले की पुलिस की नींद खुली।

एसएसपी आर.के.एस. राठौर ने खंडासा थाने के दरोगा को सस्पेंड कर दिया और कमला को छुड़ाया। कमला का कहना है कि जिस परिवार में उसे गिरवी रखा गया था, वहां के पांच लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। जब वह इनकार करती तो उसके साथ मारपीट की जाती। मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि हो गई। इस मामले में राम मिलन, उसका बेटे पिंटू व पप्पू और एक अन्य रिश्तेदार ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक अभी फरार है।

लिबर्ट्स पार्टी के साथ

लिबर्ट्स पार्टी के साथ सेंट्रल लंदन में मॉडल एमी डायमंड पॉलिटिकल पार्टी लिबर्ट्स को प्रमोट करने पहुंचीं। इस मौके पर उनका पूरा बदन नीले रंग के यूरोपियन फ्लैग की तरह पेंट में डूबा नज़र आया। दरअसल आने वाले यूरोपियन इलेक्शन को ध्यान में रखते हुए लिबर्ट्स पॉलिटिकल पार्टी को प्रमोट के लिए रखा गया था यह खास


बताओ अपने खर्च सेंट्रल लंदन में हाउस ऑफ पार्लमंट के बाहर इस खास यूरोपियन यूनियन फ्लैग की तरह पेंट में सजी ब्रिटिश मॉडल लिबर्ट्स पार्टी के लिए कैंपेन करती नज़र आईं। इस कैंपेन के जरिए यूरोपियन पार्लमंट के सदस्यों से उनके अनाप-शनाप खर्चों को बताने की डिमांड की गई है।

'वी डिमांड एक्सपोज़र' मीडिया के सामने पॉलिटिकल पार्टी लिबर्ट्स के पक्ष में एक बैनर के साथ नज़र आई मॉडल, जिसपर लिखा था 'वी डिमांड एक्सपोज़र'। इस कैंपेन के जरिए लिबर्ट्स पार्टी यूरोपियन पार्लमंट के सदस्यों के फालतू खर्चों के बिल के साथ उन्हें बेनकाब करने की कोशिश में है।


देखें क्या पड़ता है फर्क


अनाप-शनाप खर्च का ब्यौरा दो दरअसल हाल ही में ब्रिटिश मीडिया में इस बात का खुलासा हुआ है कि मंत्रियों ने किस तरह अपने अनाप-शनाप खर्च मसलन घर के पर्दे, दो-दो फ्लैट का किराया, पॉर्न विडियो का रेंट जैसी चीजों के बिल भी सरकारी खर्च में जोड़ दिए। इसे लेकर ब्रिटेन में बवाल मचा है और लोग चाहते हैं कि मंत्रियों और सांसदों के खर्च का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।

Wednesday, June 10, 2009

'मस्जिद वाली सड़क से महिलाओं का गुजरना गैर-इस्लामी'

ढाका : बांग्लादेश के एक कस्बे में पिछले महीने मुस्लिम महिलाओं को एक खास सड़क पर जाने से रोक दिया गया। एक स्वयंभू मौलवी क

ा कहना है कि सड़क पर मस्जिद होने के कारण इस्लामी कानून के मुताबिक वहां महिलाओं की उपस्थिति इस्लामिक कानूनों के लिहाज से नाजायज है।

खास बात यह कि इस सड़क पर डाकघर के साथ ही तमाम लोगों के घर भी हैं। अपने को पीर कहने वाले रिटायर्ड सैनिक अब्दुस सत्तार हाथ में लाठी लिए चटगांव के फिरोजपुर कस्बे में पिछले महीने से उस सड़क की रखवाली में लगे हुए हैं। द डेली स्टार ने मंगलवार को बताया कि सत्तार के खिलाफ प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बारा मस्जिद की दीवार पर लिखा गया है, 'इस सड़क पर महिलाओं का आवागमन वर्जित है।'

इस मस्जिद के बगल में उसी सड़क पर कस्बे का डाकघर व कई लोगों के अपने घर भी हैं। अस्पताल के लिए भी इसी सड़क से होकर जाना होता है। समाचार पत्र के अनुसार सड़क से गुजरने वाली यहां की महिलाओं व स्कूली लड़कियों को धमकाया जाता है और उन पर फब्तियां कसी जाती हैं।

गर्ल्स कॉलेजों में जींस पर बैन

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में चार

महिला कॉलेजों ने अपनी छात्राओं को कैंपस में जींस पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी है। कॉलेजों ने छात्राओं के साथ छेड़खानी की वारदातें रोकने का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है। कानपुर यूनिवर्सिटी से संबद्ध दयानंद डिग्री कॉलेज ( डीडीसी ), आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज ( एएनडीसी ), सेन बालिका कॉलेज ( एसबीसी ) और जौहरी डिग्री कॉलेज ( जेडीसी ) ने हाल ही में अपनी बैठक के बाद छात्राओं के जींस पहनने पर रोक लगाने का फैसला किया

डीडीसी की प्रिंसिपल मीता जमाल ने कहा कि जब कॉलेज में क्लास खत्म हो जाते हैं तो लड़के गेट के अंदर दाखिल हो जाते हैं और छात्राओं के साथ अशोभनीय बर्ताव करते हैं , खासकर उन छात्राओं के साथ जो चुस्त जींस पहनती हैं। ऐसा हर दिन होता है। उन्होंने कहा कि कॉलेज गेट के बाहर छेड़छाड़ की कई घटनाओं की शिकायत मिलने के बाद हमने छात्राओं के कैंपस में जींस पहनने पर पाबंदी लगाने का फैसला किया। कॉलेज अथॉरिटी ने इस संबंध में मंगलवार को नोटिस जारी किया है , जिसे सभी विभागों के नोटिस बोर्ड पर चिपकाया गया है।

कॉलेज अथॉरिटी की अगली योजना छात्राओं के लिए ड्रेस कोड तैयार करने पर है। जमाल ने कहा कि जल्द ही स्टूडेंट्स के लिए ड्रेस कोड होगा , जिसके बाद उन्हें कॉलेज आने के लिए ड्रेस चूज करने में ' वक्त की बर्बादी ' नहीं करनी होगी। उधर छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के फैसले के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। डीडीसी में बीएससी की छात्रा श्वेता चतुर्वेदी के अनुसार , कॉलेज प्रशासन का फैसला बेतुका है। अगर वे छेड़खानी रोकना चाहते हैं तो पुलिस की मदद क्यों नहीं लेते ? एक और छात्रा ऋचा शर्मा कहती हैं , कॉलेज स्टूडेंट्स के बीच जींस पहनना आम बात है। मुझे मिनी स्कर्ट और शॉर्ट टॉप जैसी ड्रेस पर रोक की बात समझ में आती है , पर जींस पर बैन क्यों ?

छात्रा ने परीक्षा हॉल में बच्चे को जन्म दिया

पटना। बिहार के मधेपुरा जिला मुख्यालय स्थित केशव कन्या बालिका उच्च विद्यालय परीक्षा केंद्र पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द

्वारा आयोजित वार्षिक माध्यमिक परीक्षा के दौरान एक छात्रा (परीक्षार्थी)ने बच्चे को जन्म दिया।

केशव कन्या उच्च विद्यालय की प्राचार्या विभा कुमारी ने शुक्रवार को बताया कि जिले के शंकरपुर प्रखंड के चोरहा गांव की निवासी सुचिता कुमारी ने गोरेलाल उच्च विद्यालय, गढ़ौल से माध्यमिक परीक्षा का फॉर्म भरा था। उस विद्यालय का परीक्षा केंद्र केशव कन्या उच्च विद्यालय में पड़ा।

उन्होंने बताया कि सुचिता गर्भवती थी। वह परीक्षा नहीं छोड़ना चाहती थी। इसलिए वह परीक्षा देने आती रही। लेकिन गुरुवार को परीक्षा के दौरान ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। उसने परीक्षा केंद्र में ही बच्चे को जन्म दिया। बच्चा और मां दोनों पूरी तरह स्वस्थ बताए जाते हैं।

मां बनी सुचिता अब भी परीक्षा दे रही है। सुचिता की मां नागेश्वरी देवी ने बताया कि बच्चे के जन्म से वह काफी खुश हैं। गौरतलब है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में करीब 9 लाख परीक्षार्थी पूरे राज्य में परीक्षा दे रहे हैं।

'प्रेगनंट पुरुष' ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया

लॉस ऐंजिलिस।। पिछले साल एक बच्ची को जन्म देकर दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने वाले अमेरिकी नागरिक थॉमस बीटी ने मंगलवार को एक बेटे को ज

न्म दिया। बीटी ने लिंग परिवर्तित करवाया है।

समाचार एजंसी डीपीए के मुताबिक 35 वर्षीय बीटी ने मंगलवार सुबह ओरेगन में एक बेटे को जन्म दिया। उनकी पत्नी नैंसी इस बच्चे का देखभाल करेंगी।

बीटी एक महिला थे लेकिन बाद में उन्होंने अपना लिंग परिवर्तित करा लिया। जब नैंसी के मां न बन पाने का पता चला तो उन्होंने खुद मां बनने का फैसला किया पिछले साल बीटी मां बने थे तो उनकी दाड़ी वाली तस्वीरें एक सनसनी बन गई थीं।

समाचार चैनल एबीसी न्यूज ने दंपत्ति के करीबी सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि बीटी की नॉर्मल डिलीवरी हुई है।

कितनी देर का होता है बेस्ट सेक्स

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मेलबर्न : अमेरिकी एक्सपर्ट्स द्वारा किए गए एक नए सर्वे ने बताया है कि बेस्ट सेक्शुअल इंटरकोर्स 7 से 13 मिनट का होता है। पेन्सिलवेनिया स्थित बेहरेंड कॉलेज इन एरी के शोधकर्ता एरिक कॉर्टी ने सेक्स पर किए अपने इस रिसर्च में यह भी बताया है कि आम तौर पर तीन मिनट का सेक्स पर्याप्त होता है।

यह स्टडी खासकर यह जानने के लिए की गई कि पेनिट्रेटिव सेक्स के लिए आदर्श समय के बारे में एक्सपर्ट्स की क्या राय है। अमेरिका और कनाडा में कुछ लोगों पर की गई इस स्टडी से यह बात सामने आई कि सेक्स के लिए 7 से 13 मिनट का समय सबसे अधिक डिजायरेबल होता है।

इस स्डटी से यह पता चला कि इंटरकोर्स 3 से 7 मिनट के दौरान खत्म होता है और यह समय सेक्स के खयाल से पर्याप्त होता है। पर , सेक्स के लिए इससे कम समय को ' काफी कम ' बताया गया और 13 मिनट से अधिक समय को ' काफी लंबा ' बताया गया। यह रिसर्च उन ' शांत स्वभाव ' जोड़ों के लिए मददगार है जो समझते हैं कि हेल्दी सेक्स काफी देर तक चलना चाहिए। कॉर्टी का कहना है कि यह ऐसे जोड़ों के लिए यह ' निराशा और असंतोष के अखिरी स्टेज जैसी स्थिति की तरह था। '

कॉर्टी के मुताबिक , ' पुरुषों के केस में फैंटसी के दौरान जननांग कठोर और बड़ा होता है और पूरी रात सेक्शुअल ऐक्टिविटी के लिए तैयार रह सकता है। ' उन्होंने बताया कि इस स्टडी के रिजल्ट से लोगों को सेक्स से जुड़ी भ्रांतियों और असुरक्षा की भावना से मदद मिल सकती है।

इस रिसर्च पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ऑस्ट्रेलियाई सेक्स विशेषज्ञों ने कहा है कि ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाई पुरुष , सेक्स के लिए लंबा अंतराल चाहते हैं , जबकि अधिकतर महिलाओं को इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह जल्दी खत्म होता है या देर में। ब्रिसबेन के मेडिकल थेरपिस्ट जेल हावर्ड ने कहा कि ऑस्ट्रेलियन्स की सेक्स से जुड़ी आकांक्षाओं के बारे में ज्यादा स्टडी नहीं हुई है और इस तरह के डेटा की काफी कमी है।

वैसे साक्ष्यों के मुताबिक सेक्स को लेकर अधिकतर महिलाएं 7 से 13 मिनट के समयांतराल में खुश रहती हैं , जबकि पुरुषों के साथ ऐसी बात नहीं है। यह स्टडी इंटरनैशनल जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में छपी है।

महिलाओं की टॉप टेन सेक्सुअल फैंटसीज

एक नए सर्वे से पता चला है कि सेक्स फैंटसी को लेकर अधिकतर ब्रिटिश महिलाओं की पहली पसंद फिल्म ग्रैजुअट '

का पॉप्युलर सिडक्शन सीन है। ज्यादातर ब्रिटिश महिलाएं चाहती हैं कि वह अपने पार्टनर को सेक्स के लिए उत्तेजित करने के लिए बिल्कुल उसी तरह सिड्यूस करें जैसा इस फिल्म के सीन में दिखाया गया है।


28 से 46 साल की उम्र तक की 2000 महिलाओं पर किए गए ऑनलाइन सर्वे में उनकी फैंटसीज़ के बारे में पूछा गया। इसमें हिस्सा लेने वाली महिलाओं ने उजागर किया कि वह अपने पार्टनर को सेक्स के नए-नए पाठ पढ़ाने की इच्छा रखती हैं। फिल्म ' मिसेज़ रॉबिंसन ' का स्टॉकिंग्स उतारने वाला सीन भी महिलाओं को बेहद पसंद है। उन्होंने बताया कि पार्टनर के सामने स्टॉकिंग्स उतारना उतना ही रोमांचक होता है जितना सेक्स। हालांकि महिलाओं ने यह भी माना कि वास्तव में रेग्युलर पार्टनर के साथ सेक्स के दौरान वास्तविकता फैंटसीज़ से कहीं दूर होती है।

इस पोल में महिलाओं की दूसरी फैंटसी है पुरुषों को अपना सेक्स गुलाम बनाकर रखने की चाहत। टॉप 10 सेक्स फैंटसीज़ में लेस्बियन रिलेशन बनाना , तीन महिला व दो पुरुष का ग्रुप सेक्स , अजनबी व्यक्ति के साथ सेक्स , बीच पर (समुद्र किनारे) सेक्स , पब्लिक प्लेस पर सेक्स और ऐसी ही जगहों पर मौज मस्ती करना आदि शामिल है।

इस सर्वे में पसंदीदा सेक्सुअल ऑर्गन के बारे में भी पूछा गया , जिसमें पता चला कि सेक्सुअल ऑर्गन के रूप में दिमाग को बिल्कुल नजरअंदाज किया जाता है। हालांकि महिलाओं को शारीरिक संतुष्टि देने में यह अहम भूमिका निभाता है।

कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट बनाने वाली एक कंपनी ने यह सर्वे किया। सर्वे में बताया गया कि गर्दन पर चुंबन लेना महिलाओं को सबसे अधिक रोमांचित करता है। दूसरे नंबर पर आता है कान और उसके बाद जांघें। वहीं , सर्वे में महिलाओं ने अपने पार्टनर की इस बात पर नाराज़गी भी जताई कि सेक्स के दौरान उनके पार्टनर टॉप के अंदर झांकते हैं जबकि उन्हें उनकी आंखों में देखना चाहिए।

37 लाख में वर्जिनिटी बेचना चाहती है

लंदन। एक और टीनएज गर्ल

एलिना पर्सिया

ने
अपनी वर्जिनिटी बेचने की ऑनलाइन पेशकश की है। एलिना पर्सिया अपनी ट्यूशन फीस भरने के लिए वर्जिनिटी बेचने का सहारा लिया है।

एलिना पर्सिया रोमानिया की रहने वाली हैं। उन्होंने जर्मनी की एक वेबसाइट पर एक ऐड दिया है कि वह अपनी वजिर्निटी खोने के बदले 50 हजार पाउंड (3 7 लाख रुपए ) जुटाना चाहती हैं। उनका कहना है कि वह अपनी कॉलिज की पढ़ाई के लिए ऐसा करना चाहती हैं।

पर्सिया ने इसी हफ्ते के अंत तक का समय दिया है। अभी तक 7 हजार पाउंड (करीब 5 लाख रुपए) की ऑनलाइन बोली लग चुकी है। यानी तीन दिन और बचे हैं।

पर्सिया की चाहत है कि वह जीवन में जब पहली बार सेक्स करें तो वह स्पेशल हो। अगर वह शख्स दिलदार निकले तो वह उससे शादी करने का भी सपना संजोए हुए हैं। उन्होंने एक खास पेशकश भी की है कि वह बिना किसी प्रोटेक्शन के भी सेक्स करने के लिए तैयार हैं , लेकिन इसके लिए बोली लगाने वाले को यह साबित करना होगा कि उसे किसी तरह की बीमारी या इंफेक्शन नहीं है।

पर्सिया ने कहा है कि सबसे ज्यादा बोली लगाने वाला उसके साथ वीकएंड में पूरी मस्ती कर सकता है। वह उसे लेकर कहीं टूर पर जा सकता है और किसी होटेल में ठहर सकता है। लेकिन बिल उसे ही चुकाने होंगे।

लेकिन पढ़ाई के लिए वर्जिनिटी बेचने की बात पर पर्सिया के होमटाउन कराकल के उसके एक स्कूल टीचर का कहना है कि हाई स्कूल में दो साल पढ़ने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी थी। मैं नहीं समझता कि वह अभी तक वर्जिन हैं। वह बस इस बहाने मशहूर होना चाहती हैं।

जनवरी में भी एक 22 साल की स्टूडंट ने अपनी वर्जिनिटी बेचने की पेशकश की थी ताकि वह अपनी मास्टर डिग्री पूरी कर सके और करीब 10 हजार लोगों ने उसके लिए बोली लगाई थी।

हर ऑस्ट्रेलियाई औरत के 13 सेक्स पार्टनर

मेलबर्न : एक सर्वे के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में औरतों के औसतन 13 अलग-अलग सेक्स पार्टनर होते हैं। ऑनलाइन सर्वे के मुता

बिक महिलाएं अपने पति और बॉयफ्रेंड को गच्चा देकर अलग-अलग पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने की कोशिश करती हैं। इस कवायद के पीछे अपनी सेक्सुअल फंतासियों को सच करने की मानसिकता काम करती है।

द डेली टेलिग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे यह भी दावा करता है कि प्रत्येक तीन में से एक महिला को जबरन सेक्स करना पड़ा है। ज्यादातर मामलों में उनकी जान-पहचान के पुरुषों ने ऐसा किया। सर्वे के नतीजों पर आधारित एक किताब में ऑस्ट्रेलियाई औरतों की सेक्स लाइफ में यौन उत्पीड़न से जुड़े औरतों के तमाम अनुभव दर्ज किए गए हैं। इसे फिल्म डिवेलपमेंट एगिक्यूटिव जॉन सॉअर्स ने लिखा है। सर्वे में हर एज ग्रुप की दो हजार औरतों ने अपने अच्छी, बुरी और अत्याचार के तहत की गई सेक्सुअल एक्टिविटीज को कहानियों और विचारों के जरिए एक्सप्रेस किया है।

इसके मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में नियमित तौर पर प्रत्येक चार में से एक महिला पॉर्नोग्राफी देखती है। लगभग 61 फीसदी महिलाएं कम से कम महीने में एक बार हस्तमैथुन करती हैं। एक्सप्लोर करने की चाह का यहीं अंत नहीं होता। हर पांच में से एक महिला ने सेक्स करने के दौरान विडियो रिकॉर्डिंग की है। यानी अपना सेक्स टेप तैयार किया है।

सर्वे में दावा किया गया है कि महिलाओं में अलग-अलग लोगों के साथ सेक्स करने की चाहत तेजी से बढ़ रही है। कई महिलाओं को अपनी सेक्स लाइफ बोरिंग होने की शिकायत है। तीन में से एक महिला को ही कभी-कभी ऑरगैज़म महसूस हुआ है। लगभग आधी ( 49 फीसदी) महिलाओं ने कहा है कि जब भी मौका मिले, हम सेक्स करना चाहेंगे।

जॉन का कहना है कि कई महिलाएं भावनात्मक संबंधों की तलाश में रहती हैं, लेकिन ज्यादातर को ऐसे पार्टनर की तलाश है जो बिस्तर पर ठीक से परफॉर्म करने की क्षमता रखते हों। उन्हें ऐसे पुरुष चाहिए जो ज्यादा वक्त तक प्यार करने में सक्षम हों। हालांकि इन बेबाक ख्यालों वाली औरतों ने सेक्स के पहले भावनात्मक करीबी की चाह भी प्रकट की है।

जॉन के मुताबिक औरतों को यह समझना होगा कि उनकी आवाज और ख्याल ही उनके सबसे कामुक अंग हैं। जब तक वे अपनी फैंटेसी और जरूरतों के बारे में नहीं बताएंगी, पुरुषों को कैसे पता चलेगा। औरतें ऑरगैज़म फील करने का दिखावा तो करेंगी, लेकिन अपनी सेक्सुअल जरूरतों के बारे में पार्टनर से बात नहीं करेंगी।

प्यार के सात राज़

पुरुष अक्सर यह मानते हैं कि महिलाओं को समझ पाना और खुश रखना बेहद मुश्किल है। अपने पुरुष पाठकों के लिए हम खासतौर पर यह लेख लेकर आए हैं। बेशक, इसके जरि

ए वे अपनी पार्टनर को बेहतर समझ सकते हैं :

1. वॉक द टॉक
महिलाओं को बात करना और यह अहसास पाना कि कोई उन्हें बेहद प्यार करता है, सेक्स से ज्यादा महत्वपूर्ण लगता है। अच्छी व दिलचस्प बातचीत उनका मूड बदल सकती है। ऐसा खासतौर पर उन महिलाओं के साथ होता है, जो पूरा दिन खूब भागदौड़ करती हैं। ऐसे में पार्टनर के साथ अच्छी बातचीत उन्हें रिलैक्स व फ्रेश कर देती है। यहां तक कि अगर महिलाओं से उनका पार्टनर यह कह दे कि वह उनसे बेहद प्यार करता है, तो उनकी थकान पल भर में दूर हो जाएगी। वैसे, उनके कान में धीरे से उनका नाम लेना भी बहुत है।

2. बिजनस ऑफ ब्यूटी
मेरा वजन बहुत बढ़ गया है... अब मैं उन्हें अट्रैक्टिव नहीं लगी तो...? यह फीलिंग महिलाओं में बहुत कॉमन है। वैसे, हर महिला की इस तरह की कुछ न कुछ परेशानियां होती ही हैं। हालांकि होना यह चाहिए कि अगर वह आकर्षक नहीं है, तो उसको झूठ बोलने की भी जरूरत नहीं है कि वह गॉर्जियस है। इसी तरह उसे यह बताने की भी जरूरत नहीं है कि अब वह उतनी अच्छी नहीं लगती। वैसे, हर महिला की कोई न कोई खासियत तो होती ही है। ऐसे में पुरुष उसके होंठ, आवाज, सॉफ्ट स्किन या कुकिंग स्किल्स की तो दिल खोलकर तारीफ की ही जा सकती है।

3. ऐक्ट राइट
महिलाएं अपना हर काम दिल से करती हैं। उनके लिए जिदंगी की हर बात दूसरी से जुड़ी होती है। जबकि पुरुष दिनभर की तमाम बातों को हिस्सों में बांट लेते हैं और इन्हें सेक्स से अलग लेकर चलते हैं। इसके विपरीत महिलाएं सेक्स को दिन भर के कामों से अलग नहीं कर पाती हैं। अगर दिन सही नहीं बीता, तो वे सेक्स इन्जॉय नहीं कर पातीं। इसके अलावा, महिलाओं का सेक्स को इन्जॉय करना इस बात पर भी डिपेंड करता है कि उनका पार्टनर बेड से बाहर उनके साथ किस तरह का व्यवहार करता है। पार्टनर से रूखा व्यवहार या आलोचना मिलने पर वे सेक्स में पूरी तरह इंवॉल्व नहीं हो पातीं। हालांकि हसबंड की ओर से मिलने वाले छोटे- छोटे सरप्राइज उनका मूड बदलने में देर नहीं लगाते।

4. द बिग ओ
पुरुष आमतौर पर मानते हैं कि महिलाओं को ऑर्गेजम तक ले जाना ही 'गुड लवर' की निशानी है। बेशक ये पल बहुत अच्छे होते हैं, लेकिन हमेशा जरूरी नहीं होते। स्टडीज दिखाती हैं कि महज साठ प्रतिशत महिलाएं ही इंटरकोर्स के दौरान आधे से ज्यादा बार ऑर्गेजम महसूस करती हैं। इनमें से कई तो यहां तक महसूस करती हैं कि ऑर्गेजम तक पहुंचने के लिए कई बार पार्टनर द्वारा और और कई बार वे खुद अपने साथ जबर्दस्ती करती हैं। यहां समझने वाली बात यह है कि ऑर्गेजम से ज्यादा जरूरी यह है कि आपने उस पूरे अंतरंग पलों को कैसे इन्जॉय किया।

5. प्लेफुल ऐक्ट
कई पुरुष सेक्स के दौरान सीरियस होते हैं और इससे पहले वे हंसना, शरारत करना वगैरह सब भूल जाते हैं। यह ठीक नहीं। दरअसल, प्लेफुल ऐक्ट इस तरह की नजदीकियों को रिलैक्स्ड वकंफर्टेबल बनाता है। इस तरह दोनों पर परफॉर्मंस प्रेशर भी कम होता है, जो साइकॉजेनिक इंपोटेंसी की एक बड़ी वजह है।

6. टच मी टच मी टच मी
महिलाओं को रोमैंस पसंद होता है। वे चाहती हैं कि बेवजह भी उनका पार्टनर उन्हें गले लगाए, उन्हें किस करे, लेकिन ऐसा होता नहीं। तमाम महिलाओं की यह शिकायत रहती है कि उनका पार्टनर फोरप्ले और सेक्स के अलावा कभी उन्हें टच ही नहीं करता। ऐसे में पुरुष अपनी पार्टनर को टच से होने वाली खुशी का अहसास करवा सकते हैं। इसके लिए रिलैक्स करने वाली मसाज देना या उसके चेहरे पर प्यार से थपथपाना ही काफी है।

7. आफ्टर प्ले
टेंडर मोमेंट की जरूरत महिलाओं को लव मेकिंग के बाद भी होती है। ऐक्ट के दौरान पुरुषों में एंडॉर्फिन लेवल ज्यादा होता है, लेकिन पीक पर पहुंचने के तुरंत बाद वे बिल्कुल निढाल होने की स्थिति में होते हैं। यही वजह है कि सेक्स के बाद पुरुषों को नींद आने लगती है। वैसे, उन्हें इतनी नींद भी नहीं आती कि वे जाग न सकें। ऐसे में बेहतर यह होता है कि सोने की बजाय पुरुष अपनी पार्टनर को प्यार दें, क्योंकि महिलाएं पीक के बाद धीरे-धीरे निढाल होने की स्थिति में पहुंचती हैं और सेक्स के तुरंत बाद पार्टनर का सो जाना उन्हें बेहद अखरता है।

क्या कहना है इनका

अचला सचदेव
महिलाओं को ऑडियो सिस्टम बहुत पसंद होता है। अगर करीब आने के दौरान पुरुष उससे बात करे, तो उसे बहुत अच्छा लगता है। वैसे, यह इस पर डिपेंड करता है कि वह उससे क्या कहता है। उसे बताएं कि वह कितनी अट्रैक्टिव और सेक्सी है।

सुचित्रा पिल्लै
सेक्स के बाद सो जाना बेकार आइडिया है। इसकी बजाय कुछ देर बात करें, मजाक करें या ड्रिंक शेयर करें। पुरुषों को अपनी पार्टनर को स्पेशल फील जरूर करवाना चाहिए।

दीपानिता शर्मा
यह सोच गलत है कि महिलाओं को एक ही जगह से खुश किया जा सकता है। पुरुषों को अपनी पार्टनर की बॉडी के वे हिस्से ढूंढने चाहिए, जिससे उन्हें खुशी मिलती है। ये बाजू, पेट वगैरह में से कुछ भी हो सकते हैं।

श्रुति सेठ
महिलाओं के पास इमोशंस का पिटारा होता है और पुरुषों को इसे खुले दिल से स्वीकारना चाहिए। उनके मूड स्विंग के बारे में भी पुरुषों को समझना चाहिए, क्योंकि कहीं न कहीं सेक्स भी इन्हीं बातों पर डिपेंड करता है।

लगातार सेक्स के चक्कर में मिली मौत

12 घंटे तक सेक्स और दो

- दो पार्टनर को संतुष्ट करने की शर्त जीतने के लिए वायग्रा का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल रूस के एक शख्स के लिए जानलेवा साबित हुआ। रूस के सर्गेई तुगानोव ने 12 घंटों तक अपने 2 पार्टनरों के साथ वाइल्ड तरीके से सेक्स करने के लिए वायग्रा का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया। नतीजे में मिली उन्हें मौत। वायग्रा के अधिक सेवन के चलते सर्गेई हार्ट अटैक के शिकार हो गए।

दरअसल , सर्गेई ने बाजी लगाई थी कि वह 12 घंटे तक सेक्स सेशन को खींच सकते हैं। इस दौरान वह 2 पार्टनरों को संतुष्ट कर सकते हैं। इसके लिए उसने वायग्रा का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया। हालांकि वह बाजी जीतने में तो कामयाब रहे पर उसके कुछ देर बाद वह हार्ट अटैक का शिकार हो गए। हॉस्पिटल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।

उनकी सेक्स पार्टनर अलिना ने कहा , ' सर्गेई की हालत बिगड़ते देख मैंने इमर्जंसी सर्विस को फोन किया। लेकिन तब तक लेट हो चुका था। '


डॉक्टरों का कहना है कि वायग्रा के जरूरत से ज्यादा सेवन के चलते सर्गेई को हार्ट अटैक आया। वायग्रा के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल पर हार्ट अटैक होने की ज्यादा संभावना होती है। जनवरी 2007 में भी एक इटली के पुरुष की वायग्रा के ज्यादा इस्तेमाल से मौत हो गई थी। दरअसल , उसकी पत्नी ने यह सोचकर कि वायग्रा के चलते पति अधिक देर तक उसके साथ सेक्स में इन्वॉल्व रहेंगे , शराब में वायग्रा की गोलियां मिला दी थीं।