यह मायने नहीं रखता कि आपमें कितनी ‘क्षमता’ है, लेकिन यह बहुत मायने रखते हैं कि आप और आपकी पत्नी की आपसी समझ कितनी परिपक्व है. यह एक बात है जो सेक्स जीवन में रोचकता बनाए रखती है – आपसी समझ और एक दूसरे का सम्मान.
इसके अलावा कुछ बातें ऐसी हैं जिनका ध्यान रखा जाए तो सेक्स जीवन में नए रंग भरे जा सकते हैं:
अनहद उम्मीद छोड़े: अपनी पत्नी को पोर्न स्टार ना समझें और ना ही उम्मीद करें कि वे “पोर्न” फिल्मों में दिखाए जाने वाले व्यवहार कर सकती हैं. उन्हें उनके जद में ही रहने दें और यह अहसास ना कराएँ कि वे कमतर हैं और ना ही अनहद उम्मीद रखें.
सेक्सुअल फेंटेसी को गलत नहीं माना गया है लेकिन इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आप अपनी पत्नी के सम्मान को ठेस ना पहुँचाएँ. उनसे पोर्न स्टार की तरफ व्यवहार करने के लिए कहने से उनके आत्म सम्मान को ठेस पहुँच सकती है.
मोटापे की चिंता: कई महिलाएँ और पुरूष भी अपने साथी के साथ खुलकर पेश आने से हिचकिचाते हैं क्योंकि उन्हें अपने शरीर की वजह से शर्म की अनुभूति होने लगती है.
चाहे कैसा भी हो लेकिन हमारा शरीर हमारी पहचान का हिस्सा है और हम उससे अलग नहीं हो सकते इसलिए खुलकर पेश आएँ और बातचीत करें. अपने साथी को बताएँ कि आप क्यों शर्म महसूस कर रहे हैं और मिलकर रास्ता निकालें. चुप रहने से बात नहीं बनती.
हर पल समान: क्या आप हर दिन एक ही प्रकार का भोजन खा सकते हैं? नहीं. तो फिर एक ही प्रकार के आसन और एक ही जगह पर की गई रतिक्रिडा से सेक्स के प्रति बोरियत उत्पन्न होना स्वाभाविक है.
सेक्स का आनंद तो कहीं भी लिया जा सकता है और इसे शयनकक्ष तक बांध कर ही क्यों रखें? नई जगहों पर जाइए और नए आसन भी आजमाइए.
सिर्फ मैं: सेक्स में “मैं” के लिए कोई जगह नहीं है और जब तक “हम" नहीं होगा तब तक सेक्स जीवन सुखद भी नहीं होगा. केवल अपने आनंद के बारे में ना सोचें परंतु यह सोचें कि किस प्रकार से आप दोनों को समुचित आनंद और मानसिक शांति प्राप्त हो सकती है.
सेक्स पर आप दोनों का समान अधिकार है और आप दोनों की खुशी, संतुष्टि और सम्मान जरूरी है.
आचार व्यवहार: आप अपने साथी के साथ कैसा व्यवहार करते हैं इसका सीधा असर आपके सेक्स जीवन पर पडता है. यदि आपका दाम्पत्य जीवन ही सुखद नहीं है तो आपका सेक्स जीवन कैसे सुखद हो सकता है.
कोशिश करें कि आप अपने परिवार को यथोचित समय दे रहे हैं और आपकी पत्नी को अहसास कराएँ कि आपको उनकी जरूरत मात्र सेक्स के लिए नहीं है. उनके सम्मान को ठेस ना पहुँचाएँ.
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