Thursday, June 18, 2009

पानी की लहरों पर तैरता करिअर

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए समुदी मार्ग से आदान-प्रदान में मर्चेंट नेवी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो कार्गो को

जहाज से एक देश से दूसरे देश में ले जाने का काम करती है। समुदी जहाजों से माल के आयात-निर्यात के लिए जहाज के विभिन्न विभागों में प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होती है, जिसे मर्चेंट नेवी पूरा करती है।

मर्चेंट नेवी में कई तरह के जॉब होते हैं, जैसे टेक्निकल डिपार्टमेंट में मैरीन इंजीनियर, डेक डिपार्टमेंट में डेक ऑफिसर, कैप्टन और सविर्स डिपार्टमेंट में कैटरिंग ऑफिसर इत्यादि। प्रदेश में यूपी टेक्निकल यूनिवसिर्टी से जुड़ा सिर्फ एक कॉलेज है, जो मरीन इंजीनियरिंग का कोर्स कराता है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित इंटरनैशनल मैरीटाइम इंस्टिट्यूट में फर्स्ट ईयर में एडमिशन के लिए कुल 40 सीटें हैं, इनमें से 31 सीटें यूपीटीयू के काउंसलिंग द्वारा भरी जाएगी, जबकि मैनेजमेंट कोटे की 9 सीटों के लिए कॉलेज 15 जून को लिखित टेस्ट लेगा।

कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडंट्स का हॉस्टल में रहना अनिवार्य है। हॉस्टल कैंपस में ही बनाया गया है। शिप की सभी टेक्निकल जानकारी के लिए कैंपस में एक शिप भी बनाया गया है। ट्रेनिंग के बेहतर माहौल और यूपी का इकलौता कॉलेज होने के कारण छठा सेमेस्टर पूरा होने से पहले ही बड़ी-बड़ी शिपिंग कंपनियां कॉलेज के कैंपस में मंडराने लगती हैं।

मरीन इंजीनियर का काम

जहाज में लाखों कलपुर्जे होते हैं, उसमें खराबी आ जाए तो उसे सही करना और उसका रखरखाव करना मैरीन इंजीनियर का मुख्य काम होता है। मरीन इंजीनियर का कोर्स पूरा करने के बाद पहली पोस्टिंग जूनियर इंजीनियर के रूप में होती है। जूनियर इंजीनियर के बाद 1 साल तक फोर्थ इंजीनियर के रूप में काम करना होता है। इसके बाद प्रमोशन थर्ड इंजीनियर के रूप में होती है। फिर 4-5 साल तक सेकंड इंजीनियर के रूप में जहाज पर गुजारने के बाद आप चीफ इंजीनियर बन सकते हैं। चीफ इंजीनियर का मुख्य काम सुपरवाइज करना होता है।

कोर्स और योग्यता

12 वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में 60 पर्सेंट नंबर से पास होने वाले स्टूडंट्स मरीन इंजीनियरिंग के लिए कॉलेज में 15 जून को आयोजित होने वाले एंट्रेंस टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं। अंकों का यह प्रतिशत यूपीटीयू के काउंसलिंग से आने वाले स्टूडंट्स के लिए भी अनिवार्य है।

जॉब

मर्चेंट नेवी का कोर्स करने के बाद सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में शिपिंग कंपनियों द्वारा जॉब दी जाती है। विभिन्न विदेशी कंपनियां भी अच्छे जॉब के अवसर प्रदान करती हैं। इस जॉब में अच्छी सैलरी के साथ ही बाहर जाने का भरपूर मौका मिलता है।

सैलरी

मरीन इंजीनियरों को वेतनमान उनके पदों के अनुसार मिलता है। यह 3 लाख से 60 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक होता है। विदेशी शिपिंग कंपनी में तो सैलरी और भी ज्यादा होती है।

विदेशों में अवसर

भारतीय लोगों की विदेशों में बहुत ज्यादा मांग है क्योंकि यह वहां यह आमधारणा है कि वे हार्ड वर्किंग और ईमानदार होते हैं। आप विदेश में पोर्ट पर किसी शिपिंग कंपनी का ऑफिशल वर्क भी कर सकते हैं। कैप्टन बनने के बाद आपके लिंक काफी अच्छे बन जाते हैं, जिससे आप अपना बिजनेस भी कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित इंटरनैशनल मरीटाइम इंस्टिट्यूट के अलावा कुछ अन्य इंस्टिट्यूट भी हैं, जिससे मरीन इंजीनियरिंग का कोर्स किया जा सकता है।

- नैशनल ट्रेनिंगशिप, चाणक्य, मुंबई

- मरीन इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट, कोलकाता

- इंस्टिटयूट ऑफ मरीटाइम स्टडी, गोवा

- अकैडमी ऑफ मरीटाइम एजुकेशन, चेन्नई

- इंटरनैशनल मरीटाइम इंस्टिट्यूट, पुणे

- बेल्स कॉलेज ऑफ मरीटाइम स्टडीज, चेन्नई

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