डीडीसी की प्रिंसिपल मीता जमाल ने कहा कि जब कॉलेज में क्लास खत्म हो जाते हैं तो लड़के गेट के अंदर दाखिल हो जाते हैं और छात्राओं के साथ अशोभनीय बर्ताव करते हैं , खासकर उन छात्राओं के साथ जो चुस्त जींस पहनती हैं। ऐसा हर दिन होता है। उन्होंने कहा कि कॉलेज गेट के बाहर छेड़छाड़ की कई घटनाओं की शिकायत मिलने के बाद हमने छात्राओं के कैंपस में जींस पहनने पर पाबंदी लगाने का फैसला किया। कॉलेज अथॉरिटी ने इस संबंध में मंगलवार को नोटिस जारी किया है , जिसे सभी विभागों के नोटिस बोर्ड पर चिपकाया गया है।
कॉलेज अथॉरिटी की अगली योजना छात्राओं के लिए ड्रेस कोड तैयार करने पर है। जमाल ने कहा कि जल्द ही स्टूडेंट्स के लिए ड्रेस कोड होगा , जिसके बाद उन्हें कॉलेज आने के लिए ड्रेस चूज करने में ' वक्त की बर्बादी ' नहीं करनी होगी। उधर छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के फैसले के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। डीडीसी में बीएससी की छात्रा श्वेता चतुर्वेदी के अनुसार , कॉलेज प्रशासन का फैसला बेतुका है। अगर वे छेड़खानी रोकना चाहते हैं तो पुलिस की मदद क्यों नहीं लेते ? एक और छात्रा ऋचा शर्मा कहती हैं , कॉलेज स्टूडेंट्स के बीच जींस पहनना आम बात है। मुझे मिनी स्कर्ट और शॉर्ट टॉप जैसी ड्रेस पर रोक की बात समझ में आती है , पर जींस पर बैन क्यों ?
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