मुंबई के एकमात्र स्पर्म बैंक में आने वाले स्टूडंट्स की तादाद तेजी से बढ़ रही है। बैंक के मुताबिक रोजाना 8-10 स्टूडंट्स अपने स्पर्म जमा कराने आ रहे हैं। देश के पहले स्पर्म बैंक होने का दावा करने वाले क्रायोज इंडिया के मुताबिक ऐसा नहीं है कि सभी पैसे के लिए अपने स्पर्म दान कर रहे हैं। वैसे बैंक स्पर्म के एक सैंपल के लिए 500 रुपये देता है। संस्था के एमडी दिलीप पाटिल बताते हैं कि मुझे यह देखकर हैरत हुई कि इतने सारे स्टूडंट्स अपने स्पर्म दान करना चाहते हैं। वह कहते हैं कि बहुत सारे स्टूडंट्स इसलिए ऐसा करते हैं क्योंकि उन्होंने अपने किसी करीबी को बच्चा पाने के लिए परेशान होते देखा।
बैंक ने 6 महीने पहले स्पर्म लेना शुरू किया था। एक सैंपल लेने की पूरी प्रक्रिया 3 से 6 महीने तक चलती है। पाटिल के मुताबिक हर डोनर को कम से कम 3 सैंपल देने होते हैं, जिन्हें टेस्ट के बाद फ्रीज कर दिया जाता है। ऐसा तभी किया जाता है, जब 3 में से 2 सैंपल टेस्ट को पास कर जाते हैं।
पाटिल बताते हैं कि आईआईटी और मेडिकल स्टूडंट्स के अलावा कुछ प्रफेशनल्स भी उनके रेग्युलर डोनर हैं। इनमें से करीब आधे ऐसा पैसे के लिए करते हैं। मुंबई पुलिस के कई अधिकारियों ने भी बैंक से संपर्क साधा है, लेकिन इसकी वजह कुछ अलग है। पाटिल बताते हैं कि पुलिस की ड्यूटी के दौरान मौत की संभावना या फर्टिलिटी खो देने का डर पुलिसकर्मियों को हमारे पास ला रहा है। ऐसे पुलिसवाले चाहते हैं कि उनके स्पर्म जमा कर लिए जाएं, ताकि भविष्य में कुछ हो जाने के बाद भी वे या उनके परिवार बच्चा पा सकें।
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