द डेली टेलिग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे यह भी दावा करता है कि प्रत्येक तीन में से एक महिला को जबरन सेक्स करना पड़ा है। ज्यादातर मामलों में उनकी जान-पहचान के पुरुषों ने ऐसा किया। सर्वे के नतीजों पर आधारित एक किताब में ऑस्ट्रेलियाई औरतों की सेक्स लाइफ में यौन उत्पीड़न से जुड़े औरतों के तमाम अनुभव दर्ज किए गए हैं। इसे फिल्म डिवेलपमेंट एगिक्यूटिव जॉन सॉअर्स ने लिखा है। सर्वे में हर एज ग्रुप की दो हजार औरतों ने अपने अच्छी, बुरी और अत्याचार के तहत की गई सेक्सुअल एक्टिविटीज को कहानियों और विचारों के जरिए एक्सप्रेस किया है।
इसके मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में नियमित तौर पर प्रत्येक चार में से एक महिला पॉर्नोग्राफी देखती है। लगभग 61 फीसदी महिलाएं कम से कम महीने में एक बार हस्तमैथुन करती हैं। एक्सप्लोर करने की चाह का यहीं अंत नहीं होता। हर पांच में से एक महिला ने सेक्स करने के दौरान विडियो रिकॉर्डिंग की है। यानी अपना सेक्स टेप तैयार किया है।
सर्वे में दावा किया गया है कि महिलाओं में अलग-अलग लोगों के साथ सेक्स करने की चाहत तेजी से बढ़ रही है। कई महिलाओं को अपनी सेक्स लाइफ बोरिंग होने की शिकायत है। तीन में से एक महिला को ही कभी-कभी ऑरगैज़म महसूस हुआ है। लगभग आधी ( 49 फीसदी) महिलाओं ने कहा है कि जब भी मौका मिले, हम सेक्स करना चाहेंगे।
जॉन का कहना है कि कई महिलाएं भावनात्मक संबंधों की तलाश में रहती हैं, लेकिन ज्यादातर को ऐसे पार्टनर की तलाश है जो बिस्तर पर ठीक से परफॉर्म करने की क्षमता रखते हों। उन्हें ऐसे पुरुष चाहिए जो ज्यादा वक्त तक प्यार करने में सक्षम हों। हालांकि इन बेबाक ख्यालों वाली औरतों ने सेक्स के पहले भावनात्मक करीबी की चाह भी प्रकट की है।
जॉन के मुताबिक औरतों को यह समझना होगा कि उनकी आवाज और ख्याल ही उनके सबसे कामुक अंग हैं। जब तक वे अपनी फैंटेसी और जरूरतों के बारे में नहीं बताएंगी, पुरुषों को कैसे पता चलेगा। औरतें ऑरगैज़म फील करने का दिखावा तो करेंगी, लेकिन अपनी सेक्सुअल जरूरतों के बारे में पार्टनर से बात नहीं करेंगी।
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