देश में बढ रहे यौन अत्याचारों पर कडा रूख अपनाते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इसके खिलाफ कठोर कानून बनाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस दुष्कर्म की परिभाषा को और व्यापक बनाने की जरूरत है तथा इसमें 'डिजिटल बलात्कार' को भी शामिल किया जाए.
कोर्ट ने 54 वर्षीय तारा दत्त की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. तारा दत्त के खिलाफ 1996 में एक पांच वर्षीय बालिका के साथ डिजिटल यौन उत्पीडन करने का आरोप है. निचली अदालत ने उसे सजा सुनाई थी, जिस पर तारा दत्त ने राहत के लिए निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी
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