बारहवीं के बाद ज्यादातर स्टूडंट्स टेक्निकल और प्रफेशनल कोर्स की तरफ भागते हैं, लेकिन फिजिकल एजुकेशन भी आज एक हिट करियर है। कई बडे़ खिलाड़ी छोटे शहरों से ही आए हैं, जिनमें सुशील कुमार, अल्का तोमर और अंजू चौधरी आदि कुछ ऐसे ही उदाहरण हैं। दादरी स्थित नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन में बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन में 3 साल का डिग्री कोर्स कराया जाता है। फर्स्ट सेमेस्टर के एडमिशन के लिए कॉलेज में 120 सीटें तय हैं। बारहवीं में 40 पर्सेंट अंकों के साथ पास करने वाले स्टूडंट्स इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। यहां छात्र के मनपसंद खेल में उसकी प्रतिभा को निखारा जाता है। छात्रों को इंटरनैशनल लेवल तक की प्रतियोगिताओं में भेजा जाता है। इस कॉलेज में बॉयज और गर्ल्स के लिए हॉस्टल की सुविधा भी है। प्लेसमेंट के मामले में भी कॉलेज बेहतर है। एनसीपीई के डायरेक्टर सुशील राजपूत का कहना है कि कॉलेज से इंटरनैशनल लेवल तक खिलाडि़यों को भेजा गया है। इनमें से कई स्टूडंट्स ने देश का नाम रोशन किया है।
जॉब्स का बढ़ता दायरा
देश में स्पोर्ट्स का क्रेज बढ़ने के बाद अब सरकार भी इस और काफी ध्यान दे रही है। इसी का नतीजा है कि अब प्राइवेट स्कूलों के अलावा सरकारी स्कूलों में भी स्पोर्ट्स टीचर रखे जा रहे है। साथ ही हर कॉलेज में भी स्पोर्ट्स टीचर बहाल किए जा रहे हैं। सुशील कुमार और बिजेंद्र कई ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होंने खूब नाम कमाया है। इसके अलावा बॉडी फिटनेस के लिए जिम और ट्रेनिंग सेंटर का बिजनेस भी कर सकते हैं।
लड़कियों के लिए भी कई ऑप्शन
हैदराबाद की सानिया मिर्जा की तरह आज देश में कई प्रतिभावान गर्ल्स खिलाड़ी इस फील्ड में नाम रोशन कर रही हैं। इसमें रेसलिंग में अलका तोमर, प्रियंका, ज्योति और अंजू चौधरी भी इंटरनैशनल प्लेयर बन चुकी हैं।
कहां से कर सकते हैं कोर्स
- नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन, दादरी
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
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