Monday, June 15, 2009

पंचों का 'न्याय' : बेटे के प्यार की सजा बेटी से गैंगरेप

लखनऊ ।। उसका कोई कसूर नहीं था। फिर भी पूरे चार महीने तक उसके साथ सामूहिक बलात्कार होता रहा। भाई की करतूत

की कीमत परिजनों ने 11 साल की कमला (बदला हुआ नाम) को गिरवी रखकर चुकाई। करते भी क्या, पंचायत का फैसला जो था। कमला के पिता ने हर जगह गुहार लगाई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। पुलिस ने उसे यह कहकर टरका दिया कि लोकसभा चुनाव के बाद रिपोर्ट लिखेंगे।

अयोध्या-फैजाबाद की रहने वाली कमला के भाई की नजरें गांव में अपनी बिरादरी की एक लड़की से लड़ गईं। दोनों परिवार घुमंतू जाति के हैं। कुछ दिन बाद कमला का भाई उस लड़की के साथ गायब हो गया। मोहम्मदपुर गांव में घुमंतू परिवार की पंचायत बैठी। फैसला हुआ कि कमला का पिता 50 हजार रुपए गायब हुई लड़की के पिता को देगा। इसके अलावा 5000 रुपए पंचायत खर्च देने को कहा गया। यह वाकया होली के आसपास का है। पैसा चुकाने के लिए एक महीने का वक्त दिया गया। होली के बाद कमला का भाई और वह लड़की दोनों लौट आए लेकिन, पंचायत का फैसला कायम रहा

कमला के पिता ने पैसा जुटाने की भरसक कोशिशें कीं, लेकिन नाकाम रहा। इस पर पंचायत ने कमला को गिरवी रखने का फरमान सुनाया। मरता क्या न करता! मजबूर पिता ने 11 साल की कमला को गिरवी रख दिया। अपनी बेटी को छुड़ाने के लिए वह फैजाबाद जिले के थाना खंडासा गया। लेकिन, पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया कि अभी लोकसभा चुनाव के कारण ज्यादा बिजी हैं, बाद में आना। तभी रिपोर्ट लिखेंगे। इस पर उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के दखल के बाद फैजाबाद जिले की पुलिस की नींद खुली।

एसएसपी आर.के.एस. राठौर ने खंडासा थाने के दरोगा को सस्पेंड कर दिया और कमला को छुड़ाया। कमला का कहना है कि जिस परिवार में उसे गिरवी रखा गया था, वहां के पांच लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। जब वह इनकार करती तो उसके साथ मारपीट की जाती। मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि हो गई। इस मामले में राम मिलन, उसका बेटे पिंटू व पप्पू और एक अन्य रिश्तेदार ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक अभी फरार है।

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